नेशनल क्वांटम मिशन से भारत चुनिंदा 6 देशों की साथ खड़ा हो गया
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ा कदम बताया. जिसके तहत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने, क्वांटम प्रौद्योगिकी पर आधारित आर्थिक विकास को गति देना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मिशन को मंजूरी देने के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास इस तरह की क्षमता है.
मंत्री ने बताया कि फिलहाल अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड और चीन के पास ही यह तकनीकी है. उन्होंने कहा कि आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे बड़े पक्षकारों में शामिल है, जहां क्वांटम से जुड़ी सूचनाओं का संवर्द्धन महत्वपूर्ण होता है. सिंह ने कहा कि इस मिशन के तहत सूचनाओं का संवर्द्धन तेज होगा. इन्हें अधिक विश्वसनीय बनाया जा सकेगा. इसके महत्वपूर्ण पहलुओं में भारत के भीतर 2,000 किलोमीटर जमीनी स्टेशनों के बीच उपग्रह आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार व्यवस्था तैयार करना शामिल है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई क्रांतिकारी कार्य किए हैं. यह मिशन इस दिशा में एक बड़ा कदम है. आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे बड़े पक्षकारों में शामिल है, जहां क्वांटम से जुड़ी सूचनाओं का संवर्द्धन महत्वपूर्ण होता है. इस मिशन के तहत सूचनाओं का संवर्द्धन तेज होगा और इन्हें अधिक विश्वसनीय बनाया जा सकेगा. इस कदम से भारत छह देशों की साथ खड़ा हो गया है, जिनके पास इस तरह की क्षमता है. इन देशों में अमेरिका, कनाड़ा, फ्रांस, आस्ट्रिया, फिनलैंड और चीन शामिल हैं.
केंद्र सरकार ने बजट 2020-21 में क्वांटम तकनीक और उसके अनुप्रयोग पर राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की थी. इस नये मिशन के तहत सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म में आठ वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला मध्यवर्ती स्तर का क्वांटम कंप्यूटर विकसित किया जाएगा.