प्रयागराज/लखनऊ . शाइस्ता परवीन कहां है? यह सवाल पुलिस से ज्यादा प्रयागराज के लोगों के जेहन में है. 50 हजार की इनामी शाइस्ता की तलाश में पुलिस चकिया से लेकर बम्हरौली और कौशाम्बी बॉर्डर तक छापामारी कर चुकी है. बताया जा रहा है कि शाइस्ता की तलाश में प्रयागराज क्राइम ब्रांच की एक टीम दिल्ली गई है.
दिल्ली में ही शाइस्ता का बेटा असद छिपा था. दिल्ली के अलावा प्रयागराज व कौशाम्बी बॉर्डर पर शाइस्ता के छिपे होने की आशंका है. हालांकि अभी तक सटीक लोकेशन नहीं मिली है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि शाइस्ता कहीं बाहर नहीं भागी है. वह प्रयागराज से लेकर कौशाम्बी तक बार बार अपना ठिकाना बदल रही है. जिन गांवों के बारे में पुलिस को शक है, उन गांवों से अधिकांश पुरुष फरार हैं. गांव में सिर्फ महिलाएं और बच्चे ही बचे हुए हैं.शाइस्ता परवीन की मंगलवार को मरियाडीह के पास बरेठा गांव में होने की सूचना पर पुलिस ने पूरे गांव में कांबिंग की थी.
मददगारों का पता करने में जुटी एसटीएफ एसटीएफ के एक अधिकारी बताते हैं कि उमेश हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपित अब रहे नहीं ऐसे में शाइस्ता की मदद कौन कर रहा है…. यह अहम सवाल है और इसका जवाब पाने के लिये ही एसटीएफ की प्रयागराज, नोएडा, वाराणसी, लखनऊ समेत कई जगह की टीमें लगी हुई है. शाइस्ता के नेटवर्क को भेद पान में एसटीएफ और पुलिस अभी तक नाकाम रही है. शाइस्ता के मददगारों की तलाश प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, नोएडा व दिल्ली में की जा रही है. दो दिन पहले एक टीम कानपुर भी गई थी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक आयशा नूरी भी शाइस्ता के साथ है. उसके साथ दो महिलाएं और भी हैं. शाइस्ता अपना ठिकाना लगातार बदल रही है. वह किसी मोबाइल नंबर का भी प्रयोग नहीं कर रही है. कुछ लोगों को शाइस्ता को पनाह देने के आरोप में पकड़ा भी गया है लेकिन, उन्हें भी नहीं पता कि वह इस समय कहां है.पुलिस ने बुधवार कछारी इलाकों के साथ ही हटवा, पूरामुफ्ती, असरौली, असरावल खुर्द, पीपल गांव, राजरूपपुर और चकिया इलाकों में दबिश दी. महिला पुलिस घर में घुसकर परिवार की महिलाओं से पूछताछ कर रही हैं. अतीक के कुछ रिश्तेदारों को भी पुलिस ने उठाया है. उनसे भी पूछताछ की जा रही है.
शूटरों की रिमांड नहीं बढ़ी, जेल भेजा गया अतीक व अशरफ के हत्यारे तीनों शूटर अरुण मौर्य, सनी सिंह व लवलेश तिवारी से पूछताछ के बाद भी किसी साजिशकर्ता का नाम सामने नहीं आया. रविवार को एसआईटी ने तीनों को प्रतापगढ़ जेल भेज दिया. वहीं एसआईटी ने कोर्ट से रिमांड अवधि बढ़ाने की अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट से स्वीकार नहीं हुआ.