नई दिल्ली . दिल्ली एम्स की इमरजेंसी में इस सप्ताह एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. चार साल के बच्चे ने खेल-खेल में बच्चों के जूते में बजने वाली सीटी निकाल ली और उसे निगल गया. इससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. वह जब सांस लेता तो सीटी बजने की आवाज आती. उसके माता-पिता कुछ समझ नहीं पा रहे थे.
बच्चे को परेशान होता देख अभिभावक उसे लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली पहुंचे. यहां जांच के बाद पता चला कि बच्चे ने सीटी निगल ली है जो उसके सांस लेने वाली पाइप में फंसी है, जिस कारण उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही है. कुछ बोलने या सांस लेने से सीटी की आवाज आ रही थी.
इस घटना के बाद बच्चे को एम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग और बाल चिकित्सा विभाग में लाया गया. यहां वरिष्ठ डॉक्टरों ने बच्चे की जांच करने के बाद सीटी निकालने का प्रयास किया. बच्चे को पहले बाल शल्य चिकित्सा विभाग में भर्ती कराया गया. यहां जांच के बाद एंडोस्कोपी के माध्यम से सीटी को निकाला गया. यह प्रक्रिया जटिल थी. इसके फेल होने से बच्चे की जान तक जा सकती थी. ऐसे में संभावित ट्रेकियोस्टोमी के लिए सर्जरी के विशेषज्ञों को उपलब्ध रहने के लिए सतर्क कर दिया गया था. यदि जरूरत पड़ती तो तुरंत ओपन चेस्ट सर्जरी भी की जा सकती थी. इसके लिए सर्जिकल उपकरण तैयार कर लिए गए थे.
● चार साल के बच्चे के साथ जो घटना हुई वह जीवन के लिए खतरनाक है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एम्स का बाल चिकित्सा विभाग पूरे समाज को संदेश देना चाहता है कि अपने बच्चों को ऐसी चीजें और खिलौने दें तो वे बेहद सावधानी बरतें.
● छोटे सामान नेकलेस बीड्स, खिलौनों के अंदर इस्तेमाल होने वाली सूखी बैटरियां, चाइनीज खिलौने में लगे छोटे पुर्जे को बच्चे की पहुंच से दूर रखना चाहिए. इस तरह की घटनाओं के परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं.
● एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक 18 से 24 महीने के बच्चों की हाथ में आने वाली चीजों को मुंह में डालने की आदत अधिक होती है. ऐसा करना कई बार घातक हो सकता है.