भ्रामक विज्ञापनों के जरिए ग्राहक को बीमा बेचने पर लगाम लगाने की तैयारी है. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी इरडा बीमा कंपनियों के मीडिया प्रचार अभियानों जैसे विज्ञापनों के लिए नियमों को सख्त करने पर विचार कर रहा है. इसके तहत इन कंपनियों के वरिष्ठ प्रबंधन को बीमा उत्पादों के प्रचार के लिए मीडिया अभियानों को तैयार करने और मंजूरी देने की जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव है. इस सिलसिले में इरडा ने बीमा विज्ञापन खुलासा नियमन, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव किया है.
प्रस्तावित संशोधन के तहत, प्रत्येक बीमा कंपनी को कम से कम तीन सदस्यों वाली एक विज्ञापन समिति का गठन करना होगा. ये सदस्य विपणन, बीमा संबंधी और अनुपालन कार्यों से जुड़े होंगे. इन संशोधनों का उद्देश्य प्रबंधन को जवाबदेह बनाना है.
भ्रम पैदा करने से बचा जाए
इंटरनेट पर व्यक्तिगत पोस्ट करते समय यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये उनके विचार हैं और वे संगठन के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. व्यक्तिगत पोस्ट करते समय यह डिस्क्लेमर साथ में जोड़ने से पढ़ने वालों को कोई भ्रम नहीं होगा.
बीमा कर्मचारियों पर सख्ती
इसके अतिरिक्त हाल ही में नियामक ने बीमा कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सोशल मीडिया के जरिये कंपनी से जुड़ी कोई अप्रमाणित या गोपनीय जानकारी सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए. इसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है.
इनसे बचें बीमा कर्मचारी
सूचना व साइबर सुरक्षा दिशा-निर्देश में कहा गया है कि कर्मचारी ब्लॉग, चैट प्लेटफॉर्म, डिस्कशन प्लेटफॉर्म, मैसेंजर साइट या सोशल नेटवर्किंग साइट पर किसी भी अपुष्ट या गोपनीय सूचना को साझा करने से बचें.
तीन दिन के अंदर वेबसाइट पर विज्ञापन अपलोड हो
बीमा विज्ञापन खुलासा नियमन, 2021 में संशोधन के ड्राफ्ट में बीमा कंपनियों को जारी होने के तीन दिनों के भीतर अपनी वेबसाइट पर विज्ञापन अपलोड करने के लिए उचित मजबूत प्रणाली स्थापित करने के लिए भी कहा गया है. इरडा ने कहा कि बीमा विज्ञापनों को उत्पाद दाखिल करने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग माना जाता है. वर्तमान में विज्ञापनों को स्वीकार करने की प्रक्रिया स्वीकृत ‘दाखिल करो और इस्तेमाल करो’ प्रक्रिया और इरडा विज्ञापन विनियमों और परिपत्रों के अनुपालन पर आधारित है.