राष्ट्रीय

गजवा-ए-हिंद की शुरुआत! हिंदू नेता के सिर पर रखा 5 करोड़ का इनाम, जाने क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी (Uttarkashi) में लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ हिंदू संगठनों की महापंचायत तो रद्द हो गई है लेकिन विवाद अब तक शांत नहीं हुआ है. अब मुस्लिमों के खिलाफ पोस्टर लगवाने के आरोपी एक हिंदूवादी नेता को तन सिर से जुदा करने की धमकी मिली है. इस बीच इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने दावा किया कि अगर मुस्लिम संगठन महापंचायत का ऐलान नहीं करते तो 15 मई को हिंदू महापंचायत होती. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने पहले कदम उठाया होता तो ऐसा नहीं होता.

‘लव जिहाद’ के बाद गज़वा-ए-हिंद की एंट्री

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों के बाहर शहर छोड़कर जाने वाले धमकी भरे पोस्टर और शहर के दर्जनों मुस्लिम परिवारों के पलायन के बाद अब इस जंग में गजवा-ए-हिंद ने एंट्री ले ली है. दरअसल उत्तराखंड के फायर ब्रांड हिंदूवादी नेता स्वामी दर्शन भारती (Swami Darshan Bharti) ने दावा किया है कि 15 जून को उनके घर के अंदर पत्थर से लपेटकर धमकी भरा पोस्टर फेंका गया. पोस्टर में धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी गई थी पुरोला में कोई महापंचायत हुई और मुस्लिमों को नुकसान पहुंचाया गया तो स्वामी दर्शन भारती का सिर कलम कर दिया जाएगा. पोस्टर में लिखा था कि गजवा-ए-हिंद की शुरुआत उत्तराखंड से होगी. पोस्टर के अंत में सिर कलम करने वाले को 5 करोड़ रुपए का इनाम भी देने की घोषणा की गई है.

हिंदूवादी नेता को मिली सिर तन से जुदा करने की धमकी

इस धमकी भरे पोस्टर के खिलाफ स्वामी दर्शन भारती ने उत्तराखंड की देहरादून पुलिस से शिकायत की है. दरअसल, स्वामी दर्शन भारती देवभूमि रक्षा अभियान के प्रमुख हैं जिसके नाम से पुरोला में मुस्लिम दुकानदारों के खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे. इस पोस्टर में 15 जून को महापंचायत करने का ऐलान भी किया गया था. इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने स्वामी दर्शन भारती के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी. उत्तराखंड पुलिस ने 15 जून को बुलाई गई महापंचायत पर भी रोक लगा दी थी.

क्यों बुलाई गई थी मुस्लिम महापंचायत?

इसके बाद मुस्लिमों की तरफ से 18 जून को बुलाई गई महापंचायत भी रद्द कर दी गई. इस बीच हिंदुओं की महापंचायत पर रोक लगने को मुस्लिम संगठन अपनी जीत बता रहे हैं. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष तौकीर रजा ने कहा कि अगर मुस्लिम महापंचायत का ऐलान नहीं होता तो हिंदू महापंचायत पर भी रोक नहीं लगाई जाती. इस दौरान उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि हमें एक्शन पर रिएक्शन देने के लिए मजबूर ना किया जाए.

तौकीर रज़ा ने लव जिहाद के आरोपों को भी नकार दिया. उन्होंने कहा कि लव जिहाद दरअसल भगवा ट्रैप है. उधर समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों को मुसलमानों के साथ मॉब लिंचिंग बताया. इस बीच यूपी में ‘लव जिहाद’ पर योगी सरकार सख्त रुख अपना रही है. यूपी में अब तक धर्म परिवर्तन मामले में 427 केस दर्ज, अब तक 833 अरेस्ट और 150 से अधिक मामलों में पीड़ितों ने जबरन धर्मांतरण की बात कबूली है. ऐसे मामलों में सरकार लगातार सख्त एक्शन ले रही है.

दरअसल UP में 27 नवंबर 2020 को कानून बनाकर धर्मांतरण को अवैध घोषित कर दिया गया था. कानून में लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों में 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. योगी सरकर अब इस कानून को और सख्ती से लागू कर रही है ताकि धर्मांतरण और लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं को रोका जा सके.

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