मध्य प्रदेश स्थित मांडू की जादुई खूबसूरती देखनी हो, तो बारिश के मौसम में यहां आइए. बारिश में यहां की हरियाली, झील की झिलमिलाती धाराएं और प्राचीन चट्टानें एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करती है, जिसकी भव्यता को शब्दों में चित्रित करना मुश्किल है.
भारत में शायद ऐसी कोई जगह नहीं है, जो मानसून के मौसम में मांडू की सुंदरता की बराबरी कर सके. मुगल बादशाह जहांगीर ने भी इस छोटे से कस्बे की पहली बार यात्रा के दौरान इसकी प्रशंसा की थी. सच में, यहां की धुंध और बारिश शहर के रहस्य को और बढ़ा देती है. लेकिन इसे महसूस करने के लिए खुद यहां आना पड़ेगा. इस शहर में आपको वास्तुकला के कई अद्भुत नमूने दिखाई देंगे, जोकि इस जगह की शान हैं, जैसे लोहानी गुफा, मांडू के सबसे आकर्षक स्मारकों में से एक है. गुफाओं का परिवेश सुंदर है, विशेष रूप से मानसून में जब पहाड़ियों की ढलानों के साथ हरी-भरी हरियाली होती है और गुफाओं के प्रवेश द्वार के ठीक किनारे एक सुरम्य जलधारा बहती है. हालांकि मेरे लिए गुफाओं की यूएसपी सैकड़ों साल पहले हमारे पूर्वजों द्वारा बनाई गई किसी चीज को देखने का रोमांच मात्र है. गुफाओं में प्रवेश करने और यह सोचने के लिए कि लोग कहां सोते थे, उन्होंने खुदी हुई खिड़की के बाहर कैसे देखा होगा, अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है.
बाज बहादुर महल
यहां से पूरे मांडू का बहुत ही ख़ूबसूरत और दिल को थाम लेने वाला प्राकृतिक नजारा दिखाई देता है. असल में, यह महल रूपमती व बाज बहादुर के बीच घटी उस प्रेम कहानी का गवाह है, जो धर्म और दुनियादारी से परे थी. बारिश में हरियाली के बीच खड़ी खूबसूरत संरचनाएं मनमोहक लगती हैं और पूरा मांडू जश्न के मूड में नजर आता है.
जहाज महल
इस महल के किनारों पर दो तालाब बनाए गए हैं और उनके बिल्कुल बीच में जहाज के आकार का एक महल बनाया गया. अपने इस आकार की वजह से ही इसे जहाज महल का नाम दिया गया. अपनी खूबसूरती व बनावट की वजह से यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है. इसके अलावा आप हिंडोला महल जा सकते हैं, जिसकी बनावट उतनी ही अनोखी है, जितना उसका नाम. इसके नाम के पीछे की कहानी यह है कि महल की दीवार थोड़ी झुकी है, जिसकी वजह से दूर से देखने पर महल झूले की तरह नजर आता है.
और भी हैं कई जगहें
मांडू की सबसे पसंदीदा जगहों में शुमार दरिया खान का मकबरा भी देखने लायक है, जिसे बेहद ही महत्वपूर्ण कलाकृति के तौर पर प्रदर्शित किया जाता है. इस मकबरे की दीवारों पर बनी कलाकृतियाें और नक्काशी को देखकर, ऐसा लगता है कि हम किसी और दुनिया में प्रवेश कर गए हैं. इसके अलावा रेवा कुंड, मस्जिद जामी का भी अपना एक अलग आकर्षण है.
कैसे व कब जाएं
मांडू घूमने का सबसे अच्छा समय वैसे तो अक्तूबर से मार्च तक होता है, लेकिन मानसून में इसकी सुंदरता कुछ अलग ही होती है. प्रकृति प्रेमियों के लिए घूमने का यह अच्छा समय है. आप भी अगर यहां जाने की सोच रहे हैं, तो आप यहां अपनी सहूलियत के हिसाब से एयर, रेल और सड़क मार्ग से जा सकते हैं. यहां का नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है, जो मांडू से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम है, जोकि मांडू से 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके अलावा देश के कुछ मुख्य शहरों से मांडू के लिए बस भी चलती हैं. यहां रुकने के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म के होटल के साथ-साथ कुछ रिजॉर्ट्स भी हैं, जहां आप अपनी सुविधा के हिसाब से रह सकते हैं.