मानसून के साथ ही चिपचिपी गर्मी ने भी दस्तक दी है. ऐसे में धूप और नमी दोनों की मौजूदगी आपकी सेहत के साथ-साथ खूबसूरती पर भी असर डालती है. नतीजा… झड़ते बाल, पिंपल्स व एक्ने. जब हवा में नमी अधिक होती है, तो वह हमारी त्वचा पर ज्यादा वक्त तक रहती है, जिससे हमें और भी ज्यादा गर्मी का अहसास होता है. अधिक नमी हमें हीट स्ट्रोक, ब्रेन डिसऑर्डर से लेकर डिप्रेशन और संक्रमण सरीखी समस्याओं से भी प्रभावित कर सकता है. ऐसा इसलिए होता है कि जब नमी त्वचा पर ज्यादा देर तक रहती है, तो शरीर को ठंडा होने में ज्यादा वक्त लगता है. जानकारों की मानें तो मानसून की दस्तक के साथ बाल झड़ने की समस्या में भी तीस फीसदी तक इजाफा हो जाता है. आमतौर पर जहां हर रोज हमारे 50 से 60 बाल टूटते हैं, वहीं बारिश के मौसम में यह संख्या बढ़कर 250 या उससे भी ज्यादा हो जाती है. यकीनन यह बात परेशान करने वाली है.
इतना ही नहीं, वातावरण में मौजूद आर्द्रता का असर आपकी त्वचा की निखार पर भी होता है. ऐसे में आपको चिंतित होना वाजिब ही है. लेकिन इन सबसे बचने के लिए आपको परेशान होने की नहीं, बल्कि मौसम के मुताबिक अपने बालों और त्वचा की देखभाल के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत है. आपको वह तमाम जुगत लगानी होगी, जिनसे आप अपने बालों का झड़ना और त्वचा की समस्याओं को कम कर सकें. आपको ख्याल रखना होगा कि इस मौसम में आपके बालों में अतिरिक्त नमी न रहे. साथ ही आपको स्कैल्प को भी चिपचिपाहट से बचाना होगा, ताकि आप रूसी और टूटते-बेजान बालों से बची रह सकें. आपके लिए कुछ ऐसे ही उपाय लेकर आए हैं, जो मददगार साबित हो सकते हैं-
क्यों झड़ते हैं बाल
यहां सबसे पहला सवाल उठता है कि इस मौसम में बाल ज्यादा क्यों गिरते हैं? इस पर हेयर एक्सपर्ट बीनू देहिनवाल कहती हैं,‘मानसून में नमी ज्यादा होती है, जिससे सिबेशस ग्लैंड तेल का उत्पादन ज्यादा करते हैं, जिसे सीबम कहते हैं. इस कारण स्कैल्प यानी हमारी सिर की त्वचा चिपचिपी रहती है, जो धूल को आकर्षित करती है. इस मौसम में कोलेजन फाइबर भी सख्त होने लगते हैं, जिसका काम त्वचा को लचीला बनाना होता है. कोलेजन फाइबर हमारे बालों की जड़ों को पकड़ कर रखता है. मौसम के बदलाव के चलते उसमें आई सख्ती उसकी फॉलिकल की पकड़ को कमजोर कर देती है, जिससे बाल छूने भर से ही टूटने लगते हैं. इतना ही नहीं, इस मौसम में सिर के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और बैक्टीरियल ग्रोथ ज्यादा होने के कारण रूसी की समस्या में भी इजाफा होता है, जिसके कारण भी बाल ज्यादा झड़ते हैं. इससे निजात पाने के लिए लो पीएच मॉइस्चराइजिंग शैंपू का इस्तेमाल करें. कंडीशनर का इस्तेमाल भी जरूर करें. यह आपके बालों की सुरक्षा करेगा. जेल और मॉइस्चराइजर का प्रयोग हेयर केयर रुटीन में शामिल करें. यह बालों पर एक परत बना देते हैं, जो कि त्वचा से नमी को निकलने नहीं देते. ऐसे मौसम में हेयर ड्रायर का प्रयोग बिल्कुल न करें.
बालों को दीजिए देसी डोज
बेहतर होगा कि आपके बाल मौसम और केमिकल की दोहरी मार से बचे रहें. इसके लिए देसी नुस्खों का सहारा लें, जैसे बालों की कंडीशनिंग के लिए दही का प्रयोग करें. इसमें साइट्रिक एसिड होता है, जो स्कैल्प को साफ रखने में मदद करेगा. बकौल बीनू,‘अपने स्कैल्प को हाइड्रेट रखने के लिए आप अलसी का पैक भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके लिए साबुत अलसी को पानी में डालकर उबाल लें. छानकर ठंडा होने पर उसे फ्रिज में रख दें, थोड़ी देर बाद अपने स्कैल्प पर लगाएं. आप आंवला, भृंगराज और शिकाकाई के हेयर मास्क का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इसमें आप नारियल का तेल मिलाएं और उसे बालों में आधे से एक घंटे के लिए लगाएं. आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, तो एलोेवेरा जेल को स्कैल्प पर इस्तेमाल करें. इसमें एंटीमाइक्रोबियल खूबियां होती है. इसे बाल धोने के दो घंटे पहले स्कैल्प पर प्रयोग कीजिए. आप इस जेल को तेल और शैम्पू में मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
अतिरिक्त तेल को हटाने के लिए पंद्रह मिनट के लिए सिर की त्वचा पर नीबू का रस लगाना भी कारगर रहेगा. अगर आपके बाल रूखे और बेजान हो रहे हैं, तो केले और शहद का पैक आपके काम आएगा. केले को मैश कर उसमें शहद को मिलाकर प्रयोग करें. इस पैक को 50 मिनट तक सिर पर रहने दें. यह सूखे बालों से रूखापन दूर करेगा और उन्हें नरम बनाएगा. आप मेथी का पैक भी बना सकती हैं. इसके लिए आपको 3 बड़े चम्मच भीगे हुए मेथी के दाने, छह पुदीने की पत्तियां और आधे नीबू की जरूरत होगी. तीनों के मिश्रण में मुल्तानी मिट्टी डालकर चिकना पेस्ट बना लें. इस मास्क को अपने बालों पर जड़ से सिरे तक लगाएं. लगभग दो घंटे तक बाद बालों को पानी से धो लें. इस मास्क के बाद आपको शैंपू का उपयोग करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी. इसे आप हफ्ते में एक बार प्रयोग कर सकती हैं.
स्किन केयर रुटीन में करें बदलाव
इस मौसम में बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन भी तेजी से फैलता है. इससे बचने के लिए आपको स्किन केयर रुटीन में बदलाव करना होगा. सबसे पहले तो लो पीएच का साबुन प्रयोग करें. मॉइस्चराइजिंग, क्लींजिंग और टोनिंग के रुटीन में क्लींजिंग और टोनिंग की तरजीह दें. इसके लिए एलोवेरा, गुलाबजल और मुल्तानी मिट्टी कारगर रहेंगे. अपने चेहरे को नियमित रूप से गुनगुने पानी से धोएं, पोर्स खुलने में मदद मिलेगी. चेहरे की त्वचा को छूने से बचें, क्योंकि यह गंदगी और जमी हुए मैल को फैलाता है और आपके रोम छिद्रों को बंद कर देता है. अतिरिक्त पसीने और नमी को दूर करने के लिए साफ टिश्यू का उपयोग करें.
रुटीन में करें ये बदलाव
●हफ्ते में कीजिए फेशियल मानसून के दौरान, आपकी त्वचा पर अधिक तेल, चिपचिपाहट और गंदगी और धूल जमा हो जाती है. जिसको दूर भगाने के लिए चेहरे को सिर्फ धोना ही काफी नहीं होगा. आप घर पर ही साप्ताहिक फेशियल का फॉर्मूला अपना सकती हैं, जो त्वचा की सेहत को दुरुस्त रखने के साथ ही और तेल संतुलन को ठीक रखेंगे.
●एक्सफॉलिएशन अपने स्किन केयर रुटीन में एक अच्छे स्क्रब को जगह दीजिए. आप देसी स्क्रब का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. जिसके लिए आधे नीबू और चीनी की जरूरत होगी.
●मालिश चेहरे पर गोलाकार स्ट्रोक में जैतून का तेल लगाएं. इससे त्वचा में रक्तसंचार बेहतर होता है और त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है.
●मॉइस्चराइजर यह अंतिम चरण होता है, जिसमें अपने चेहरे पर मॉइस्चराइजर लगाना होता है. वाटर बेस्ड मॉइस्चराइजर त्वचा पर कोमल होते हैं. यदि आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं, तो नमी आपकी समस्या को बढ़ा सकती है. इससे बचने के लिए अपना चेहरा साफ रखें और चेहरे को हाथ से छूने के बजाय गीले टिश्यू से साफ करें. ऑयल बेस्ड लोशन का उपयोग करने से बचें और बेंजोयल पैरॉक्साइड या सेलिसिलिक एसिड युक्त उत्पादों का ही इस्तेमाल करें.
●फेस पैक प्राकृतिक पैक्स के लिए आप फलों के गूदे का प्रयोग कर सकती हैं. केले का फेस मास्क, एवाकाडो या पपीते का मास्क आजमाया जा सकता है. मसले हुए फल को अपने चेहरे पर लगाएं, फिर 15-20 मिनट बाद धो लें.