कूनो में फिर एक चीते की मौत, गर्दन पर मिले चोटों के निशान
कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते तेजस की मौत हो गई है। तेजस पार्क में बने बाड़े में अकेला ही था, सुबह उसके गले पर चोट के निशान पाए गए, हालाकि चोट कैसे लगी, जिससे उसकी जान ही चली गई। इसके बारे में कूनो डीएफओ पीके वर्मा का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है क्योंकि बाड़े में साथ में कोई चीता नहीं था, इस समय केवल पांच चीते ही बाड़ों में हैं, जो कि अलग-अलग हैं।
कूनो प्रबंधन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंगलवार को सुबह 11 बजे बजे मानिटरिंग टीम ने नर चीता तेजस की गरदन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे थे। इसकी सूचना पालपुर मुख्यालय पर उपस्थित वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गई। वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा मौके पर जा कर तेजस चीते का मुआयना किया।
प्रथम दृष्टया घावों को गंभीर पाया। तेजस को बेहोश किया गया व उपचार की तैयारी के साथ चिकित्सकों का दल मौके पर पहुंचा परंतु लगभग 2 बजे नर चीता तेजस मृत मिला। तेजस को लगी चोटों के संबंध में जाँच की जा रही है। पोस्टमार्टम के पश्चात मृत्यु के कारणों का पता लगाया जा सकेगा ।
अब तक चार चीते और तीन शावक की मौत
दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक यह चौथी मौत है। इसके अलावा यहां पैदा हुए चार शावक में से तीन शावक भी दम तोड़ चुके हैं। 12 चीते इस समय खुले जंगल में हैं।
कूनो में चीतों की कब-कब हुई मौत
-27 मार्च को किडनी में संक्रमण के चलते 4 साल की मादा चीता साशा की मौत हुई।
– 23 अप्रैल को उदय चीता की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। उसे बाड़े में लड़खड़ाकर अचानक बहोश होते देखा गया था।
-9 मई को बाड़े में दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ मेटिंग के दौरान संघर्ष में दक्षा चीता की मौत हो गई।
-23 मई को एक चीता शावक की मौत हुई। इसे सियाया (ज्वाला) चीता ने जन्मा था
-25 मई को ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हुई।
-11 जुलाई को चीता तेजस की मौत हो गई। इसे दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।