शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए 27वें भामाशाह पुरस्कार में हिन्दुस्तान ज़िंक को 7 पुरस्कार
चंदेरिया लेड ज़िंक स्मेल्टर को प्रदेश में पहला स्थान
हिन्दुस्तान जिंक ने 27वें भामाशाह पुरस्कारों में शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, पहल और परियोजनाओं के लिए सात पुरस्कार प्राप्त किए। भामाशाह पुरस्कार हिंदुस्तान जिंक के चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर को प्रथम स्थान मिला साथ ही जिंक स्मेल्टर देबारी, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स, जावर माइन्स, रामपुरा आगुचा माइन, कायड माइन और केंद्रीय सीएसआर टीम प्रधान कार्यालय को शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक योगदान के लिए प्रदान किया गया।
ये पुरस्कार बिडला ऑडिटोरियम जयपुर में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ.बी.डी कल्ला, शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन, शिक्षा निदेशक डॉ कानाराम, विशिष्ट सचिव शिक्षा विभाग एवं पंचायती राज चित्रा गुप्ता एवं अतिरिक्त सचिव शिक्षा विभाग किशोर कुमार उपस्थित थे।
हिन्दुस्तान ज़िंक की ओर से हिन्दुस्तान ज़िंक के सीएचआरओ मुनीश वासुदेव एवं चंदेरिया लेड ज़िंक स्मेल्टर के लोकेशन हेड कमोद सिंह, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स से एसबीयू डायरेक्टर राजेन्द्र अग्रवाल एवं सीएसआर अधिकारी नम्रा यशा, प्रधान कार्यालय से सीएसआर अधिकारी रूचिका चावला, कायड माइन के हेड केसी मीणा एवं हेड सीएसआर विवेक कुमार सिंह, ज़िंक स्मेलटर देबारी से लोकेशन हेड मानस त्यागी एवं हेड सीएसआर अरूणा चीता, रामपुरा आगुचा के मिल हेड जे बालासुब्रमण्यन एवं सीएसआर हेड अभय गौतम, उप प्रमुख सीएसआर अधिकारी विशाल अग्रवाल एवं जावर माइंस से सीएसआर अधिकारी गौरी ने यह पुरस्कार प्राप्त किये।
हिंदुस्तान जिंक ने हमेशा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देते हुए उन्हें सफलता हेतु हर संभव सहायता प्रदान की है। ये पुरस्कार शिक्षा क्षेत्र के प्रति हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और ग्रामीण समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को सक्षम कर साक्षरता के लिए की गई सीएसआर पहल की विश्वसनीयता को और मजबूत करती है। हिन्दुस्तान ज़िंक की इकाईयों द्वारा करीब 26.33 करोड की राशि व्यय की गयी। चंदेरिया लेड ज़िंक स्मेल्टर ने 11.26 करोड़ की राशि व्यय कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स ने 4.24, जावर माइंस ने 1.48 करोड़, ज़िंक स्मेल्टर देबारी ने 1.82 करोड ,रामपुरा आगुचा ने 1.78 करोड ,प्रधान कार्यालय ने 3.65 करोड एवं कायड माइन द्वारा 2.10 करोड व्यय किया गया।
इन कार्यो में राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित, अंगे्रजी, व विज्ञान विषयाध्यापकों की अतिरिक्त व्यवस्था, विद्यालयों का जीर्णोद्धार, नंदघरों का निर्माण, उंची उडान कार्यक्रम में आईआईटी हेतु कोचिंग, छात्राओं को रिंगस महाविद्यालय में उच्च शिक्षा हेतु सहयोग, पुस्तकालय व प्रयोगशाला हेतु फर्नीचर एवं सुरक्षा उपकरण, अध्यापको के अध्ययन हेतु पुस्तकें एवं अध्ययन सामग्री, राजकीय अध्यापको हेतु कार्यशाला, ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर, शिक्षा संबंल के अन्तर्गत नियुक्त किये गये अध्यापकों का आमुखीकरण प्रशिक्षण, बाल कल्याण केन्द्र के छात्र छात्राओं को शुद्ध पेयजल, गणवेश वितरण, ब्लाॅक स्तरीय खेलकुद प्रतियोगिताओं में सहयोग, ब्लाॅक स्तरीय विज्ञान मेले में आर्थिक सहयोग, अलग-अलग राजकीय विद्यालयों में कक्षा-कक्षो का निर्माण, बालिकाओं एवं बालकों के लिए शौचालय का निर्माण, ट्युबवेल लगवाने का कार्य, ग्रिन बोर्ड उपलब्ध कराना, विद्यालयों की छतों पर वाटर प्रुफींग का कार्य, भुमीगत टेंक का निर्माण, जिलों के 3 हजार से अधिक आंगनवाडी केन्द्रो जिनमें से 300 से अधिक नंदघर पर शालापुर्व शिक्षा, स्वास्थ्य परिक्षण किया जा कर शैक्षिक उन्नयन हेतु खुशी कार्यक्रम द्वारा सहयोग किया गया है। हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा शिक्षा हेतु संचालित परियोजनाओं के माध्यम से प्रतिवर्ष 2.5 लाख से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।