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जिन स्कूलों से गोलियों की आवाज आती थीं, वहाँ अब बच्चे गा रहे पोयम – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

जिला स्तरीय भेंट मुलाकात के लिए बीजापुर जिले के प्रवास में पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 457 करोड़ 58 लाख रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि नक्सल प्रभावित जिन क्षेत्रों के बंद स्कूलों से पहले गोलियों की आवाज आती थीं वहां अब बच्चे पोयम गा रहे हैं. अभी कुछ बच्चों से बात की. वे फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहे थे. यह बीजापुर का बदलाव है. पहले मीटिंग आदि होने पर आम जनता को शाम होने पर घर पहुँचने में डर लगता था वे अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 123 करोड़ रुपए की राशि से निर्मित संरचनाओं का लोकार्पण किया एवं 334 करोड़ रुपए से बनने वाली अधोसंरचनाओं का भूमिपूजन किया. साथ ही उन्होंने हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण भी किया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ईंटपाल में नवनिर्मित बीजापुर गारमेंट फैक्ट्री का लोकार्पण भी किया एवं यहां कार्यरत महिलाओं से बातकर फैक्ट्री में चल रही गतिविधियों की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का भी अवलोकन किया. साथ ही उन्होंने जिले में 4 करोड़ रुपए से निर्मित सेंट्रल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट परिसर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण भी किया.

     उन्होंने इस अवसर पर जापान एवं चीन में आयोजित एशिया कप प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बीजापुर स्पोर्ट्स अकादमी के साफ्ट बाल के पांच खिलाड़ियों सहित भुवनेश्वर में आयोजित प्रथम जनजातीय खेलो इंडिया नेशनल प्रतियोगिता का हिस्सा रही फुटबाल टीम के सदस्य प्रमिला तेलम, कमला तेलम एवं ईशा कुड़ियम को सम्मानित किया.

    मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जिला अस्पताल बीजापुर का नामकरण महादेव राणा शासकीय जिला चिकित्सालय बीजापुर करने की घोषणा की. उन्होंने बीजापुर जिले के आवापल्ली स्थित उसूर चौक को नागुर दोरला चौक के नाम से नामकरण करने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने नवीन शासकीय आदर्श महाविद्यालय जावंगा( गीदम) का नामकरण वीरांगना मासक देवी नाग शासकीय आदर्श महाविद्यालय के नाम पर करने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने चेरपाल, वरदली, संकनपल्ली और पापनपाल में नवीन धान उपार्जन केंद्र एवं मादेपुर तथा जारपल्ली में नवीन प्राथमिक शाला खोलने की घोषणा की.

    मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि बीजापुर अब कितना बदल गया है. 5 साल पहले जब यहां मुझे बुलाया जाता था तो सड़क मार्ग से आते थे, कार्यक्रम में भाषण देते हुए धीरे से कोई कहता था भैया ! जल्दी खत्म करो वापस जाना है. लेकिन आज बीजापुर में सभी सुरक्षित महसूस करते हैं. बीजापुर के लोगों में विश्वास बढ़ा है. बड़ी संख्या में कैंप खुले हैं जो इससे पहले कभी नहीं खुले थे. इतनी सड़कें बनी हैं जो पहले कभी नहीं बने थे. बहुत सारे मोटरसाइकिल खरीदे गए, जो पहले नहीं थे. 1000 से अधिक ट्रैक्टर खरीदे गए हैं, जो पहले नहीं थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब मैं भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था, यहां के लोग दो ही चीज मांगते थे. या तो हमारे यहां धान खरीदी केंद्र, बैंक खोल दो और दूसरा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोल दो. मुझसे धान खरीदी केंद्रों की माँग की जाती है क्योंकि पहले की तुलना में दो से ढाई गुना ज्यादा धान का उत्पादन हो रहा है.

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजापुर जिले में बंद पड़े 200 स्कूल पुनः आरंभ हो चुके हैं. बीजापुर जिले में 14 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गये हैं. आज बस्तर फाइटर में अकेले बीजापुर से 300 नौजवानों को नौकरी मिली है. शिक्षकों की भर्ती हुई है. इन 5 वर्षों में अंदरूनी क्षेत्रों में भी 20 हजार से अधिक राशन कार्ड बने. आज 20 से अधिक अस्पताल खुल गए हैं. इलाज हो रहा है,  डॉक्टर तैनात हैं. हमारे आदिवासियों को पट्टा नहीं मिल पाता था हमने व्यक्तिगत,  वनाधिकार और सामुदायिक पट्टे दिए. देवगुड़ी का भी हमने सामुदायिक पट्टा दिया. देवताधामी के लिए भी हमने पट्टा दे दिया. पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति के लोगों के लिए पट्टा जारी किया है. सोलर पंप लगे हैं. लाइट पहुंच रही हैं. पिछले साल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आए थे,  ऐसे तालाब जो पुराने राजा, महाराजाओं के समय में बने थे सबके संधारण कार्य के लिए पैसा मांगा गया. हमने सभी तालाबों के संधारण की स्वीकृति दी.

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यहां साइकिल का शोरूम भी दुर्लभ था, वहां आज आठ-आठ ट्रैक्टर के शोरूम हैं. मोटरसाइकिल के शोरूम खुल रहे हैं,  क्योंकि आज बिक्री हो रही है. हर पंचायत में आज ट्रैक्टर हैं. बहुत बड़ी बात है. 5 साल में यहां सरकार ने जो परिवर्तन लाया है वह बहुत बड़ी बात है. पहले ढाई हजार में तेंदूपत्ता बेचते थे आज 4000 में बेच रहे हैं,  महुआ,  कोदो-कुटकी रागी आज बेचा जा रहा है. पहले कपड़े बाहर से आते थे. इन पांच वर्षों में यहां कपड़े बनने लगे, प्रोसेसिग यूनिट्स लगे. लोगों की आय में वृद्धि हुई है. हमने पेसा कानून लागू किया. इस प्रकार से दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा हम लोग उपलब्ध करा रहे हैं. हास्टल के बच्चों की आदान राशि में हमने वृद्धि की. ओल्ड पेंशन लागू किया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि की. सभी वर्गों के लिए हमने काम किया है. बस्तर विकास की ओर चल पड़ा है. आदिवासियों की जमीन आपसे छीनी गई थी. इसे वापस किया गया है.

    इस मौके पर जिले के प्रभारी मंत्री एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी अपना संबोधन दिया. श्री लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है. बीजापुर में भी तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं. आजीविका के बेहतर अवसर निर्मित हो रहे हैं.

    इस मौके पर बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ,जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे, एडीजी नक्सल आपरेशन श्री विवेकानंद सिन्हा, बस्तर संभागायुक्त श्याम धावड़े, आईजी पी सुंदरराज, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा, पुलिस अधीक्षक आंजनेय वाष्णैर्य भी मौजूद रहे.

मांदर की थाप देते हुए खुद झूमने लगे

    मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री जब भेंट मुलाकात कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे तो यहां उनके स्वागत के लिए लोक कलाकार पारंपरिक धुनों में प्रस्तुति दे रहे थे. इसी समय मुख्यमंत्री भी उनके साथ शामिल हो गये और स्वयं भी मांदर को थाप देते हुए उनके साथ झूमने लगे.

सीता फल का भी लिया स्वाद

    जिला स्तरीय भरोसे का सम्मेलन में लगे विभिन्न स्टालों के अवलोकन के बीच मुख्यमंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टाल पर पहुँचे जहां पर आंगनबाड़ी की पोषणवाटिका में तैयार की गई फल-सब्जी प्रदर्शित की गई थी. मुख्यमंत्री ने यहां पोषण वाटिका में ही फले सीताफल का भी स्वाद चखा.

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