भारत ने एशियाई खेलों में पहली बार हासिल कीं कई उपलब्धियां
चीन के हांगझोउ में हुए 19वें एशियाई खेलों को भारतीय खिलाड़ियों के 107 पदकों की रिकॉर्ड संख्या तथा कई खेलों में पहली बार परचम लहराने के लिए याद रखा जाएगा. कई ऐसे खिलाड़ियों ने अपनी स्पर्धा में पहली बार देश के लिए पदक जीता या कई दशकों के पदक के सूखे को खत्म किया.
हांगझोउ एशियाड में पारुल चौधरी ने 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा, घुड़सवारी में 41 साल के बाद पहली बार सोने पर किया कब्जा
निशानेबाजी
मनीषा कीर, राजेश्वरी और प्रीति रजक की टीम ने स्कीट में एशियाई खेलों में भारत का पहला रजत जीता. अनंतजीत ने पुरुषों की स्कीट स्पर्धा में देश के लिए पहला रजत जीत भारतीय खेलों के इतिहास में नाम दर्ज कराया. सिफत कौर सामरा 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनीं.
बैडमिंटन
एच एस प्रणय ने पुरुष एकल जबकि सात्विक साइराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पुरुष युगल में पदक का 41 साल का सूखा खत्म किया. सैयद मोदी ने 1982 ने पुरुष एकल में और लेरोय डीह्णसा तथा प्रदीप गांधे की पुरुष युगल जोड़ी ने अपनी-अपनी स्पर्धाओं में कांस्य जीता था. चिराग-सात्विक की जोड़ी ने पहला स्वर्ण दिलाया.
एथलेटिक्स अविनाश साबले 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने.
पारुल चौधरी महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. उन्होंने साथ ही 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक भी हासिल किया.
अन्नू रानी सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 62.92 मीटर के प्रयास के साथ भाला फेंक में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. यह एशियाई खेलों में उनका दूसरा पदक था. अन्नू ने 2014 सत्र में कांस्य पदक जीता था.
घुड़सवारी
सुदीप्ति, दिव्यकृति, विपुल हृदय और अनुष अग्रवाल की चौकड़ी ने ड्रेसेज टीम में स्वर्ण पदक का सूखा खत्म किया. यह घुड़सवारी में 41 वर्षों में पहला स्वर्ण पदक है. अनुष अग्रवाल ने ड्रेसेज में पहला व्यक्तिगत पदक, कांस्य जीता.