देश में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है. पिछले पांच साल में यह तीन गुना हो गई है. एनरॉक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में लक्जरी मकानों की आपूर्ति का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
शीर्ष सात शहरों में जुलाई-सितंबर में पेश की गई 1,16,220 इकाइयों में से 27 प्रतिशत (31,180 इकाइयां) लक्जरी श्रेणी में थीं. वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में लक्जरी घरों की कुल आपूर्ति में हिस्सेदारी सिर्फ नौ प्रतिशत थी. उस समय पेश की गई 52,120 इकाइयों में से केवल 4,590 लक्जरी श्रेणी की थीं. माना जा रहा है कि महामारी के बाद खरीदार बड़ा घर खरीदना चाहते हैं. इसके अलावा वे बेहतर सुविधाएं और अपनी पसंद की जगह पर घर खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
किफायती मकानों की हिस्सेदारी में गिरावट
वहीं, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में नए घरों की पेशकश में सस्ते या किफायती मकानों का हिस्सा घटकर मात्र 18 प्रतिशत रह गया है. जुलाई-सितंबर 2018 में कुल नए मकानों की पेशकश में सस्ते घरों की हिस्सेदारी 42 थी.