करवाचौथ सर्वार्थ सिद्धि योग की शुभ घड़ी में व्रत रखेंगी सुहागिनें
आज करवाचौथ व्रत है. इसे स्त्रित्त्यों के लिए परम सौभाग्य देने वाला बताया गया है. खास बात यह है कि इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस योग में किए जाने वाले व्रत पूजन और सभी कार्य पूर्ण शुभ फल देने वाले होते हैं
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ मनाया जाता है. एक नवंबर को सूर्योदयकाल से रात्रि 919 बजे तक चतुर्थी तिथि रहेगी. इसलिए करवाचौथ का व्रत एक नवंबर यानी आज रखा जाएगा. इस व्रत में विशेष रूप से भगवान श्री गणेश का पूजन होता है. विघ्नहृर्ता भगवान श्रीगणेश को चतुर्थी तिथि का अधिपति देव माना गया है.
दोपहर डेढ़ बजे से पूजा का समय
दोपहर 12 से 130 बजे के बीच राहुकाल होगा. इसलिए सुहागिन स्त्रित्त्यों दोपहर के समय कथा नहीं सुन सकती हैं. दोपहर डेढ़ बजे के बाद किसी भी समय कथा सुनी जा सकती है. संध्याकाल में करवाचौथ पूजन के लिए शाम 710 से 848 बजे के बीच शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेगा. शाम 710 बजे के बाद किसी भी समय व्रती स्त्रित्त्यां करवाचौथ पूजन कर सकती हैं.
शिव योग भी बन रहा
ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार, इस बार चतुर्थी तिथि सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग में होने से यह करवाचौथ और अधिक शुभ हो गया है. एक नवंबर की रात 921 बजे तक चतुर्थी समाप्त होगी. इस प्रकार पंचांगानुसार सूर्योदनी तिथि व चन्द्रोदय पर उसके बाद भी चतुर्थी तिथि का विराजमान रहना स्पष्ट करता है कि करवाचौथ का व्रत एक नवंबर का है. इस समय चंद्रमा नक्षत्र मृगशिरा, आद्रा व अपनी उच्च वृष राशि पर विचरण कर रहे होंगे, जिससे सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा होगा.
चंद्रमा अपनी उच्च राशि में
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार, एक नवंबर को करवाचौथ व्रत में सुबह 637 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग आरंभ हो जाएगा. यह बहुत शुभ संयोग है. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए जाने वाले व्रत पूजन और सभी कार्य पूर्ण शुभ फल देने वाले होते हैं. इस बार करवाचौथ व्रत पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष में रहेंगे. यह भी बहुत शुभ और सुहागिन स्त्रित्त्यों को अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला माना जाता है.
चंद्रोदय रात्रि 8.17 बजे
एक नवंबर बुधवार को चंद्रोदय रात्रि 817 बजे होगा. चंद्र दर्शन कर उन्हें अर्घ्य देकर स्त्रित्त्यां व्रत का परायण कर सकती हैं.