नई दिल्ली . कर्मचारियों के वेतन से पैसा काटकर उसे हर महीने उनके पीएफ खाते में ना जमा करने वाली कंपनियों और नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जल्द ही ऐसी डिफॉल्टर कंपनियों से बकाया राशि और एरियर वसूलने के लिए देशभर में तीन माह का विशेष वसूली अभियान चलाएगा.
बताया जा रहा है कि डिफॉल्टर कंपनियों और नियोक्ताओं से बकाया वसूलने का यह अभियान दिसंबर 2023 से फरवरी 2024 तक चलाया जाएगा. ईपीएफओ ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को साप्ताहिक आधार पर वसूली रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है. संगठन का कहना है कि अक्सर देखने में आता है कि कई कंपनियां जानबूझकर पैसा जमा करने में देरी करती हैं. इससे संबंधित ईपीएफ सदस्यों को नुकसान होता है.
कार्रवाई के विकल्प ईपीएफओ ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि डिफाल्टर कंपनियों और नियोक्ताओं को समय पर राशि जमा करनी चाहिए. यदि वे इसके बाद भी चूकते हैं तो उनकी चल-अचल संपत्तियों और बैंक खातों की कुर्की की जा सकती है. या नियोक्ता की गिरफ्तारीहो सकती है.
इतना शुल्क देंगी
अगर कोई कंपनी दो महीने तक कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं करती है तो उसे सालाना पांच फीसदी की दर से एरियर देना होता है. दो महीने से ज्यादा लेकिन चार महीने से कम समय तक के लिए यह दर 10 फीसदी है. वहीं, चार से लेकर छह महीने तक देरी होने पर यह दर सालाना 15 फीसदी है.
ऐसे जांचें खाते में रकम
● ईपीएफओ की वेबसाइट www.epfindia.gov.in/ पर जाएं. ऊपर की तरफ ’Our Services’ विकल्प पर क्लक करें.
●इसके बाद ‘for employees’ विकल्प पर जाएं. यहां member passbook पर क्लिक करें.
●इसके बाद यूएनए नंबर और पासवर्ड डालें. लॉगइन करने के बाद पासबुक का विकल्प दिखेगा.
● इस पर क्लिक करें. इसके बाद ईपीएफ में जमा रकम की स्थिति देख सकते हैँ.