दुनिया में पहली बार एआई पर शिकंजा कसने को बनेगा कानून

दुनिया में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की तैयारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन (ईयू) के देशों ने इस पर मंजूरी दे दी है. करीब 37 घंटे की लंबी बातचीत के बाद यूरोपीय संसद और देश समझौते पर राजी हुए. यह कानून तकनीक और देश की सुरक्षा के खतरों पर लगाम लगाएगा.
यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रोबर्टा मेत्सोला ने कहा कि एआई के तेजी से बढ़ते दुरूपयोग को रोकने के लिए कानून का होना जरूरी है. इसके खिलाफ कानून को लेकर 2021 में ही प्रस्तावना दी गई थी. ईयू द्वारा बनाए जाने वाले कानून को एआई एक्ट नाम दिया जाएगा. हालांकि, यह 2025 से पहले प्रभावी नहीं होगा. यूरोपीय संसद ने कहा कि इस नियम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना है, जिससे मौलिक अधिकार, लोकतंत्र कानून का शासन, पर्यावरणीय स्थिरता जोखिम वाले एआई से सुरक्षित रहे.
एआई से संभावित खतरे
● नौकरियां पर प्रभाव पड़ने की आशंका
● निजी सुरक्षा को सबसे ज्यादा जोखिम
● मानवीय मूल्यों और भावनाओं पर असर
● निर्णय लेने की क्षमता में कमी
● एआई रोबोट बनाने से रक्षा में खतरा
नागरिक कर सकेंगे शिकायत
एआई के लिए कानून बनाने पर सहमति व्यक्त करने के बाद यूरोपीय संसद में अगले साल की शुरुआत में इस पर एक मतदान हो सकता है. इसके बाद कानून बनेगा. यूरोपीय संसद ने कहा कि इससे नागरिकों को इस तकनीक के बारे में शिकायत करने का अधिकार मिलेगा, जो उनके अधिकारों को प्रभावित करते हैं. नियमों के मुताबिक, मनुष्य के व्यवहार, विचार या निर्णयों को ढालने, मनुष्य की कमजोरियों का फायदा उठाने, निशाना बनाने और सार्वजनिक निगरानी करने वाले एआई सिस्टमों पर रोक लगाई जाएगी.
कई देश कर रहे वकालत
एआई को कानून के दायरे में लाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और इटली जैसे देश पहले से ही वकालत कर रहे हैं. चीन ने डाटा उपयोग और तकनीक के एल्गोरिदम पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. हालांकि, भारत का एआई को लेकर अलग रुख है. उसने एआई के क्षेत्र में काम करने के लिए रणनीति भी बनाई है. हालांकि, भारत एआई के खतरे को लेकर कई बार चिंता जता चुका है. पिछले दिनों पीएम मोदी ने डीपफेक के मुद्दे पर अपनी राय रखी थी.
ये आएंगे दायरे में
रिपोर्ट के मुताबिक, कानून आने के बाद इसके दायरे में ओपनएआई के चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट आ जाएंगे. वहीं गूगल बॉर्ड, जेमिनी और मेटा के इमेजिन को भी इस कानून का सामना करना होगा. एलन मस्क, सैम अल्टमैन, एआई अग्रणी जेफ्री हिंटन ने चेतावनी दी है कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो यह अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
चुनौतियां
1. एआई में हर दिन बदलाव से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना
2. मशीनों की मरम्मत, रखरखाव से अधिक लागत की आशंका
3. चुनाव, आर्थिक हालत में एआई के उपयोग से आंकड़ों पर असर