छत्तीसगढ़: मंडी की पांच एकड़ जमीन को कराया कब्जे से मुक्त

प्रदेश की सबसे बडी कृषि उपज मंडी के एक बड़े भू भाग पर लंबे समय से अवैध कब्जाधारियों ने कब्जा जमा रखा था. भाटापारा में लगभग 5 एकड़ भूमि पर नगर के एक मिलर्स ने मंडी की आधिपत्य वाली भूमि पर अपना कब्जा जमाकर कुछ हिस्सों में पक्का निर्माण कर लिया था. यह जमीन फतेहचंद अग्रवाल के नाम पर थी. मंडी प्रशासन व अवैध कब्जाधारियों के बीच चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हाईकोर्ट बिलासपुर का निर्णय कृषि उपज मंडी समिति के पक्ष में आया जिसमें मिलर्स द्वारा किये गये अवैध कब्जे को न्यायालय ने गैर वाजिब बताते हुये मंडी के पक्ष मे निर्णय दिया था.
उक्त निर्णय का परिपालन कराने के लिये मंडी प्रशासन की ओर से राजस्व प्रशासन को लिखा गया था कि मंडी के अवैध कब्जे वाले हिस्से का सीमांकन व अन्य प्रक्रिया पूर्ण कर यह बताया जाये कि मंडी क्षेत्र का जमीन कहां से कहां तक अवैध कब्जाधारियो के पास है. इसके बाद राजस्व प्रशासन की ओर से पटवारी व राजस्व निरीक्षक ने अवैध कब्जा वाले हिस्से की नाप जोख कर स्थिति स्पष्ट कर दी.