
वायु प्रदूषण का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं, बल्कि त्वचा पर भी होता है. प्रदूषित वायु के कारण त्वचा के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है. नतीजा, एलर्जी, एग्जिमा, मुंहासे, सोरायसिस या स्किन कैंसर आदि की समस्या. वायु में मौजूद अधिकतर प्रदूषक इतने छोटे होते हैं कि वो त्वचा के रोमछिद्रों से होकर शरीर में पहुंच जाते हैं और त्वचा की कोशिकाओं के बीच की जगह में प्रवेश कर जाते हैं. समय के साथ ये महीन रेखाओं, पिग्मेंटेशन, संवेदनशीलता बढ़ना और त्वचा की संरचना कमजोर होना जैसी समस्याओं का कारण बन जाते हैं.
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
ऐसे भोजन का सेवन करें जो विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर हों. लाल, पीले या नारंगी रंग के फल खाएं, क्योंकि ये कैरोटीन से भरपूर होते हैं, जो एक प्राकृतिक सनस्क्रीन और एंटीऑक्सीडेंट है. नियमित रूप से व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें. इससे प्रदूषकों से लड़ने में त्वचा को मदद मिलती है. 6-8 गिलास पानी और दूसरे तरल पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें. आप घर पर आंवला या तुलसी की पत्तियों के साथ डिटॉक्स वॉटर तैयार कर सकती हैं. इससे टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है.
मॉइस्चराइजर को ना भूलें
प्रदूषण त्वचा की रंगत खराब कर उसे बेजान बना देता है. इसलिए त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए मॉइस्चरॉइजर लगाने की सलाह दी जाती है. त्वचा को भीतर से नमी देने के लिए सप्ताह में दो बार त्वचा पर कोकोआ बटर का पेस्ट लगाएं. आप जैतून के तेल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. इससे कोशिकाओं के पुनर्निर्माण को बढ़ावा मिलता है. नहाने के तीन से पांच मिनट बाद ही मॉइस्चराइजर लगा लें, क्योंकि इसी समय त्वचा मॉइस्चराइजर को अच्छी तरह अवशोषित करती है.
फेस पैक का इस्तेमाल
कच्चे पपीता के गूदे को भी त्वचा पर रगड़ सकती हैं. इसमें मौजूद प्राकृतिक एंजाइम्स आपके चेहरे से कालेपन को दूर कर देंगे. चॉकलेट फेसपैक भी प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से निपटने का बेहतरीन तरीका है.
स्क्रब का इस्तेमाल करें रोज
अगर आप केवल 10 सेकंड ही त्वचा को रोज स्क्रब करें, तो इससे उसे प्रदूषण से लड़ने में मदद मिलेगी. स्क्रब बनाने के लिए अखरोट को दरदरा पीस लें. इसमें थोड़ी मात्रा में चीनी और जैतून का तेल मिलाएं. चेहरे को इससे केवल 10 सेकंड हल्के हाथों से स्क्रब करें. आप चीनी, शहद और नीबू के रस से भी स्क्रब तैयार कर सकती हैं.
त्वचा की सुरक्षा
गर्मियों में ही नहीं सर्दियों में भी त्वचा पर सनस्क्रीन लगाएं. यह त्वचा पर एक प्रोटेक्शन लेयर बनाता है, जो न केवल अल्ट्रा वायलेट किरणों से इसकी सुरक्षा करती है, बल्कि स्मोग पार्टिकल्स को भी फंसा लेती है. इन हानिकारक कणों को रोमछिद्रों के द्वारा त्वचा में प्रवेश नहीं करने देती.