गर्भगृह में विराजेगी रामलला की श्यामल प्रतिमा, आज से अनुष्ठान
अयोध्या, अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर में मकराना मार्बल के बने अष्टकोणीय खूबसूरत गर्भगृह में श्यामवर्णी रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगी राज द्वारा बनाए गए इस विग्रह पर सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मुहर लगा दी. वहीं, अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हो जाएंगे जो 21 जनवरी तक चलेंगे.
तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में रामलला की मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है, उन्हें भी नए मंदिर के गर्भ गृह में ही स्थापित किया जाएगा और नई प्रतिमा के साथ-साथ उनकी भी एक समान पूजा अर्चना की जाएगी.
उन्होंने कहा, अरुण योगी राज की कई पीढ़ियां यही काम करती आ रही हैं. केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा, दिल्ली में इंडिया गेट के नीचे सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है. विग्रह का वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच होगा, जो खड़ी प्रतिमा के रूप में स्थापित की जानी है.
आज से कार्यक्रम शुरू : 22 जनवरी को अयोध्या में अपने नव्य भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी. जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है उसे 18 जनवरी को गर्भ गृह में आसन पर खड़ा कर दिया जाएगा. 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू होगा.
मंदिर परिसर में प्रवेश : चंपत राय ने बताया कि 16 को प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन, राममंदिर परिसर में 17 को ही नवीन विग्रह का प्रवेश कराया जाएगा. वहीं, 18 जनवरी की शाम को तीर्थ पूजन एवं जल यात्रा, जलधिवास एवं गंधाधिवास, 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृतादिवास, व शाम को धान्याधिवास, 20 जनवरी को सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास, एवं शाम को पुष्पाधिवास होगा. इसी तरह 21 जनवरी को सुबह मध्याधिवास, शाम को शययाधिवास होंगे. इस तरह से कुल 12 धिवास कराए जाएंगे. मंदिर परिसर में नौ यज्ञ कुंडों में 121 आचार्य जरूरी अनुष्ठान कराएंगे.