दादी सास की सेवा विवाहिता का कर्तव्य
रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने पारिवारिक विवाद के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाहित महिला से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपनी वृद्ध सास या दादी सास की सेवा करेगी. महिला अपने पति पर इस बात के लिए दबाव नहीं डाल सकती कि वह अपनी मां और दादी से अलग रहे.
जस्टिस सुभाष चंद ने रुद्र नारायण राय बनाम पियाली राय चटर्जी राय केस में फैसला सुनाते हुए अनुच्छेद 51-ए का
उल्लेख करते हुए कहा, “इसमें नागरिक के मौलिक
कर्तव्यों में हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत
को महत्व देने और संरक्षित करने का प्रावधान है. पत्नी द्वारा वृद्ध सास या दादी सास की सेवा करना भारत की संस्कृति है. कोर्ट ने मनुस्मृति एक श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां परिवार की महिलाएं दुखी होती
हैं, वह परिवार जल्द ही नष्ट हो जाता है, लेकिन जहां महिलाएं संतुष्ट रहती हैं, वह परिवार हमेशा फलता- फूलता है.