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छत्तीसगढ़ की झांकी कर्तव्य पथ पर बिखेरेगी आदिवासी संस्कृति का सौंदर्य

अपने अनूठे विषय को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो रही छत्तीसगढ़ की झांकी ‘बस्तर की आदिम जनसंसद: मुरिया दरबार’ कल 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में प्रदर्शित होगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के शीर्षस्थ लोगों, विशिष्ट अतिथियों तथा आम-नागरिकों की दर्शक-दीर्घा में उपस्थिति होगी. अनेक देशों के अतिथिगण भी गणतंत्र-दिवस की परेड में आमंत्रित होते हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता और सुंदरता को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का यह महत्वपूर्ण अवसर होगा.

देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी को इस साल नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र-दिवस परेड में प्रदर्शन के लिए चुना गया है. परेड के लिए स्पर्धा में शामिल 28 में से 16 राज्यों की झांकियों का चयन किया गया है. झांकी का रोचक विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में कामयाब रहा. छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ पर आधारित है. यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है. इस झांकी में केंद्रीय विषय ‘आदिम जन-संसद’ के अंतर्गत जगदलपुर के ‘मुरिया दरबार’ और कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर में स्थित ‘लिमऊ-राजा’ को दर्शाया गया है.

हाल ही में नई-दिल्ली की रंगशाला में प्रेस-रिव्यू के दौरान प्रदेश की झांकी ने नेशनल-मीडिया से जमकर तारीफें बटोरी हैं.

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