रामलला के आनंद के लिए रागोत्सव आज से
अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद शुरू हुए 48 दिवसीय मण्डल पूजा के अनुष्ठान के साथ 45 दिवसीय संगीत महोत्सव रागोत्सव का आयोजन भी किया गया है. इसमें रामलला के आनंद के लिए रोज उनकी राग सेवा होगी.
यह कार्यक्रम 26 जनवरी से 10 मार्च, 2024 तक राम मंदिर के गूढ़ी मण्डप में अपराह्न तीन बजे से सायं पांच बजे तक आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन की पूर्व संध्या पर गुरुवार को नागपुर के सांस्कृतिक दल के 151 कलाकारों ने मंदिर परिसर में नगाड़े की थाप से शौर्य जगाया.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि महाराज ने बताया कि कार्यक्रम के परिकल्पनाकार और समन्वयक अयोध्या राज परिवार के सदस्य व साहित्य सेवी यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र हैं. इसमें केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी भी सहयोग कर रही है.
समन्वयक यतीन्द्र मिश्र ने बताया कि शुक्रवार को पद्मश्री मालिनी अवस्थी के लोकगीतों, बधावा गायन से महोत्सव शुरू होगा. इसी तरह स्वप्नसुन्दरी (विलासिनी नाट्यम), दर्शना झावेरी (मणिपुरी नृत्य), वैजयन्तीमाला व नन्दिनी रमणी (भरतनाट्यम), हेमा मालिनी (भरतनाट्यम, नृत्य नाटिका), पद्मा सुब्रमण्यम (भरतनाट्यम), सुजाता महापात्र (ओडिसी), सन्ध्या पुरेचा (भरतनाट्यम) एवं प्रेरणा श्रीमाली (कथक) की प्रस्तुतियां देंगी. कर्नाटक संगीत पद्धति में जयन्ती कुमारेश, सिक्किल गुरुचरण, अरुणा साईराम, सुकन्या के कार्यक्रम होंगे.
शास्त्रत्त्ीय संगीत गायन में अश्विनी भिड़े देशपाण्डे, देवकी पण्डित, राहुल देशपाण्डे, मीता पण्डित, सुनन्दा शर्मा, पण्डित साजन मिश्र एवं स्वरांश मिश्र के गायन के अतिरिक्त रामलिंगम शास्त्रत्त्ी एवं दीपिका रेड्डी का कुचिपुड़ी नृत्य, शिवानन्द हेगड़े का यक्षगान तथा केरल के त्रिवेन्द्रम स्थित कुडियाट्टम सेण्टर से कुडियाट्टम की प्रस्तुतियां होंगी.