अयोध्या में श्रद्धालुओं-संतों ने की पंचकोसी परिक्रमा
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अयोध्या . उदासीन संगत ऋषि आश्रम रानोपाली में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा एवं सांस्कृतिक संध्या के चौथे दिन अन्तर्राष्ट्रीय कथा व्यास पुण्डरीक गोस्वामी महाराज व रानोपाली आश्रम महंत डा. भरत दास के नेतृत्व में रामकोट की परिक्रमा की. पहले पंचकोसी परिक्रमा करने का निर्णय लिया गया था लेकिन घने कुहासे के कारण रामकोट की परिक्रमा श्रद्धापूर्वक की गयी.
इस दौरान यूएसए से आए एनआरआई श्रद्धालुओं व इस्कान के सैकड़ों भक्तों के साथ श्रीराम नाम संकीर्तन करते हुए आगे चल रहे थे. उधर सायं सत्र में श्रीमद् भागवत कथा को विस्तार देते हुए आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी ने कहा कि श्रीराम नाम तन-मन को पवित्र कर उज्ज्वल करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है.
अहिल्या उद्धार व शबरी प्रसंग से भगवान राम की महिमा का गान
रामकथा पार्क में सिंगापुर के कलाकारों ने पहले भगवान राम के निर्मल स्वरूप की वंदना कर उनका स्मरण किया. उसके बाद चक्रवर्ती जी के महल से धनुर्विद्या के लिए राम लक्ष्मण का विश्वामित्र के साथ वन प्रस्थान, सुबाहु का वध, केवट प्रसंग और दंडकारण्य में अहिल्या उद्धार व शबरी प्रसंग ने भगवान राम की महिमा का बखान किया .
भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है. आचार्य जी ने कहा यदि मानव के जीवन में सरलता होगी, तभी वह आगे बढ़ सकेगा. भजन संध्या के द्बितीय सत्र में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त तेजस्विनी ने मीरा जी ने भी भजनों की भाव मयी प्रस्तुति की.