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बचत खाते के ब्याज पर कर कटौती में वृद्धि संभव

नई दिल्ली:आगामी एक तारीख को पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्तमंत्री आम लोगों के लिए बैंक के बचत खाते में रखे पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर एक वित्तीय वर्ष में मिलने वाली कर रहित ब्याज की सीमा 10 हजार रुपये से बढ़ा सकती हैं. इस नियम के तहत साल भर में 10 हजार रुपये तक अर्जित ब्याज को करमुक्त माना जाता है. अनुमान है कि सरकार लोगों को राहत देने के उद्देश्य से इस सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकती है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाली है. वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में भी सरकार ने आम आदमी को टैक्स और मानक कटौती में राहत की सौगात दी थी. माना जा रहा है कि इस बार में भी सरकार इस दिशा में घोषणाएं कर सकती है.

अभी बचत खाते पर ब्याज बहुत कम

अभी एक बचत खाते में सालाना 3-4 का ब्याज मिलता है. हालांकि, कुछ निजी बैंक बचत खाते पर सात फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं लेकिन उसके लिए खाते में एक तय सीमा से अधिक पैसा होना चाहिए.

कटौती 2012 से शुरू की

सरकार ने छोटी बचत को बढ़ावा देने के लिए बजट 2012 में धारा 80टीटीए के तहत कटौती शुरू की थी. हालांकि, तब से कटौती की सीमा बरकरार है. माना जा रहा है कि सरकार इस कटौती को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर सकती है. सरकार इस पर विचार कर सकती है क्योंकि इसमें लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है.

क्या है नियम आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80टीटीए के अनुसार यदि किसी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार को बचत खाते से ब्याज आय होती है तो कुल आय से 10,000 रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है. करदाता एफडी, रेकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट जमा आदि पर मिलने वाले ब्याज के लिए कटौती नहीं ले सकते.

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