
नई दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) जवानों के लिए बैटरी वाला जेटपैक सूट तैयार करने जा रहा है. इन्हें पहनकर जवान उड़कर भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकेंगे. अभी ब्रिटेन की एक कंपनी को ही जेटपैक सूट बनाने में महारत हासिल है, तमाम देश उसी से इनकी खरीद कर रहे हैं.
रक्षा मंत्रालय से जुड़े दस्तावेज के अनुसार, डीआरडीओ ने जेटपैक सूट बनाने की संभावनाओं को लेकर अध्ययन शुरू किया है. इसके तहत सबसे पहले इसका एक प्रोटोटाइप बनाया जा रहा है. यह प्रोटोटाइप बाजार में मौजूद जेटपैक इंजन से भिन्न होगा. अभी तक जो जेट इंजन इस्तेमाल हो रहे है, वे माइक्रो गैस टरबाइन इंजन होते हैं. लेकिन डीआरडीओ गैस टरबाइन इंजन के बजाय बैटरी चालित इलेक्ट्रो डक्टेड फैन्स (ईडीएफ) तैयार करेगा. इसे वियरेबल ह्यूमन फ्लाइट प्लेटफार्म का नाम दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि कुछ महीनों में डीआरडीओ द्वारा जेटपैक सूट तैयार कर लिए जाने की संभावना है, जिसके बाद उसका परीक्षण सेनाओं द्वारा किया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो खुले बाजार में ब्रिक्री के लिए ऐसे सूट उपलब्ध हैं. भारत में भी बेंगलूर की एक कंपनी इस पर कार्य कर रही है और पूर्व में सेना ने भी ऐसे सूट की जरूरत से सरकार को अवगत कराया है.
दुर्गम स्थानों-जंगलों में अभियान के लिए उपयुक्त
यह यूनिफार्म सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अभियानों, दुगर्म स्थानों पर हमला करने, जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ अभियानों के लिए कारगर होगी. एक बार यह सूट बन गया तो फिर अर्धसैनिक बलों को भी उसका लाभ मिलना तय है, जो नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाते हैं.
उड़ान अवधि को बढ़ाकर दो घंटे करने का प्रयास इस सूट को पहनकर जवान 10-20 मिनट तक की उड़ान भर सकते हैं. साथ में वह कुछ वजन भी ले जा सकते हैं. डीआरडीओ बैटरी चालित जो प्लेटफार्म बना रहा है, उसमें उड़ने की अवधि को ज्यादा समय तक करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि दो घंटे तक उड़ान भरी जा सके.