राष्ट्रीयट्रेंडिंग

मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए कई कदम उठाए सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कर्ज का बोझ कम करने के लिए सरकार ने कर राजस्व बढ़ाने, सार्वजनिक व्यय प्रभावशीलता बढ़ाने, राजकोषीय घाटे को कम करने की प्रतिबद्धता और उत्पादक दक्षता बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए हैं.

वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने के अलावा सरकार ने अपने प्रभावी पूंजीगत व्यय को 2020-21 में 6.57 लाख करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक बढ़ाकर 13.71 लाख करोड़ रुपये और 2023-24 और 2024-25 में 14.97 लाख करोड़ कर दिया है.

पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर सरकार के जोर से न केवल निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कर्ज का बोझ कम करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अधिक वृद्धि भी होगी.

सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों को 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त पूंजीगत व्यय ऋण और कर हस्तांतरण किस्तों की ‘फ्रंट-लोडिंग’ जैसे उपायों के माध्यम से अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार का दावा है कि केंद्र इसके लिए धन जारी नहीं कर रहा है. सीतारमण ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं हो सकती क्योंकि धन प्रदान करने की एक व्यवस्था है और केंद्र सरकार वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार काम करती है. उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्रीय वित्त मंत्री वित्त आयोग की सिफारिशों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता.

राज्यों को धन देने में भेदभाव की बात राजनीति से प्रेरित

केंद्रीय वित्त मंत्री ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए धन रोक रही है. उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक रूप से प्रेरित विमर्श है और इसके पीछे निहित स्वार्थ हैं. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार का दावा है कि केंद्र इसके लिए धन जारी नहीं कर रहा है. सीतारमण ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं हो सकती क्योंकि धन प्रदान करने की एक व्यवस्था है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button