
बेंगलुरु: चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मानव मिशन वाले गगनयान की तैयारी में एक और बड़ी सफलता हासिल कर ली है. सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन अंतिम परीक्षणों में सफल साबित हुआ है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर कहा कि पहली मानव रहित उड़ान ‘एलवीएम3 जी1’ के लिए सीई-20 इंजन ने सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं. इसका इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स महेंद्रगिरि में 13 फरवरी को सातवां और अंतिम परीक्षण किया गया. यह इंजन एलवीएम प्रक्षेपणयान के ऊपरी चरण को ताकत देगा. मानव रेटिंग मानकों के तहत सीई-20 इंजन को योग्य बनाने के लिए चार इंजनों को अलग-अलग हालात में 39 हॉट फायरिंग परीक्षणों से गुजरना पड़ा. यह प्रक्रिया 8 हजार 810 सेकंड तक चली. योग्यता हासिल करने के लिए इंजनों को 6 हजार 350 सेकंड तक इन परीक्षणों से गुजरना जरूरी है.
गगनयान मिशन में इसरो तीन सदस्यों के एक क्रू को तीन दिनों के लिए 400 किमी के ऑर्बिट में पहुंचाने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित समुद्र में लैंड कराया जाएगा. यह मिशन सफल होता है तो भारत मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा.