डेंटल कॉलेज में नहीं बन पाई नई लाइब्रेरी, छात्र हो रहे परेशान

रायपुर. सरकारी डेंटल कॉलेज में नई लाइब्रेरी नहीं बन पा रही है. इससे छात्र परेशान हो रहे हैं. दरअसल पहले जहां 108 एंबुलेंस का कॉल सेंटर था, वहां पर लाइब्रेरी बनाई जाएगी. कॉलेज प्रबंधन रद्दी नहीं हटा पा रहा है. साथ ही पार्टिशन को भी नहीं तोड़ा है. इसके लिए शासन से अनुमति लेने की बात कही जा रही है. लाइब्रेरी बनने से बीडीएस व एमडीएस के छात्रों को फायदा होगा. इंटर्न छात्र भी इसका फायदा उठा सकेंगे. लाइब्रेरी में 25 हजार से ज्यादा किताबें व इंटरनेशनल जर्नल रहेंगे. प्रदेश का एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज राजधानी में स्थित है.
जब कॉलेज की नई बिल्डिंग बनी तो लाइब्रेरी वाला हिस्सा 108 संजीवनी एक्सप्रेस के कॉल सेंटर चलाने वाले निजी एजेंसी को दे दिया गया था. पांच साल से नई एजेंसी एंबुलेंस का संचालन कर रही है. तब से कॉलेज का यह बड़ा हिस्सा खाली है. यहां 10 साल पुराने फर्नीचर भी है, जिसे कॉलेज ने हैंडओवर ले लिया है.
इसके बाद लाइब्रेरी के लिए डिजाइन बनाने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए सीजीएमएससी को पत्र लिखा जा रहा है. कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि वर्तमान में लाइब्रेरी कॉलेज बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर में है.
छात्रों के हिसाब से यह काफी छोटी है. दरअसल कॉलेज में बीडीएस के 100, एमडीएस के 20 व इंटर्न के 100 छात्र हैं. इस लिहाज से नई लाइब्रेरी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी. वर्तमान लाइब्रेरी हटाने के बाद वहां पर एग्जाम हॉल बनाया जाएगा. जहां बीडीएस व एमडीएस की परीक्षा होगी.
डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार कॉलेज में बड़ी लाइब्रेरी जरूरी है. छोटी लाइब्रेरी पर हर साल आपत्ति भी आती रही है. बड़ी लाइब्रेरी मिलने से कॉलेज प्रबंधन को राहत मिलेगी. इससे एमडीएस की सीटों को बढ़ाने का भी मौका मिलेगा.