अगर किसी करदाता ने वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है या उसमें कोई आय बताना भूल गया है तो वह 31 मार्च 2024 तक अपडेट रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल कर सकता है. अगर कोई करदाता इससे चूक जाता है तो उसे 200 फीसदी तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.
वित्त अधिनियम-2022 में करदाता को अपडेट आयकर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा दी गई है. अगर किसी वजह से करदाता रिटर्न दाखिल नहीं कर पाता है या वह कोई आय बताना भूल जाता है तो वह आकलन वर्ष खत्म होने के 24 महीनों के अंदर अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकता है. करदाता को अपडेट रिटर्न में सभी जानकारियां देनी होंगी. इनमें मूलभूत विवरण, पहले दाखिल किए रिटर्न का ब्योरा, रिटर्न दाखिल करने की वजह शामिल हैं. अगर किसी ने पहले रिटर्न नहीं भरा है तो भी अपडेट रिटर्न के जरिए नया रिटर्न दाखिल किया जा सकता है.
200 प्रतिशत तक जुर्माना वसूल सकता है विभाग
अपडेट रिटर्न भरने के लिए भी करदाता को भुगतान करना पड़ जाता है. संबंधित आकलन वर्ष के समाप्त होने के 12 महीने के भीतर आईटीआर-यू दाखिल करने के लिए कुल कर देनदारी और ब्याज के 25 फीसदी के बराबर अतिरिक्त कर देना पड़ता है. वहीं, 12 महीने के बाद और दो साल से पहले भरने पर 50 फीसदी अतिरिक्त कर भरना होता है.