बाजार नियामक सेबी किसी निवेशक के निधन की स्थिति में उसकी निवेश राशि पर दावे की प्रक्रिया को आसान बनाने जा रहा है. इसके तहत निवेशक के नॉमिनी या उत्तराधिकारी को सत्यापन के लिए केवल एक ही दस्तावेज जमा कराना होगा. इस व्यवस्था को जल्द ही लागू किया जा सकता है.
सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने हाल ही में हुए एक सम्मेलन में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सेबी का मकसद निवेशक के निधन के बाद उसके परिजनों और दावेदारों को भाग-दौड़ से बचाना है. इसके लिए बाजार ने समाधान खोज लिया है. इसके तहत लगभग 50 प्रमुख कानूनी दस्तावेजों का एक सेट निर्धारित किया गया है, जिसे सभी म्यूचुअल फंड और निवेश कंपनियां और शेयर ब्रोकर्स स्वीकार करेंगे. अगर कोई दावेदार इनमें से एक भी दस्तावेज जमा कराता है तो कोई भी उससे दूसरा दस्तावेज नहीं मांगेगा.
क्वांट म्यूचुअल फंड कंपनी ने अपने निवेशकों को बड़ी राहत दी है. उसने अपनी विभिन्न योजनाओं से फंड निकासी की न्यूनतम 1,000 रुपये की सीमा खत्म कर दी है. अब निवेशक इस योजना से एक रुपये और इससे ज्यादा की राशि निकाल पाएंगे. अब तक क्वांट की विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं से न्यूनतम 1000 रुपये निकालने का नियम तय था.
शिकायत के लिए नया मंच अप्रैल में आएगा
सेबी प्रमुख ने बताया कि वह अप्रैल की शुरुआत में स्कोर्स 2.0 पेश करने जा रहे हैं. इसके जरिए निवेशकों की शिकायतों को संभालने का तरीका पूरी तरह से स्वचालित होगा. अब अगर निवेशक सिर्फ अपना पैन नंबर डालता है, तो सेबी का सिस्टम केआरए उसका पूरा ब्योरा निकल देगा. इससे शिकायत का पंजीकरण और समाधान पूरी तरह से सरल हो जाएगा.
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी माह में सेबी ने इस संबंध में एक सुझाव पत्र जारी किया था. इसमें किसी निवेशक का देहांत होने पर उसके वित्तीय फंड को संबंधित दावेदारों और उत्तराधिकारियों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश की गई है. सेबी ने डीमैट खाते और म्यूचुअल फंड्स के लिए मौजूदा नॉमिनेशन की सुविधा में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा है.