प्रमुख निर्यातक देशों में आपूर्ति की स्थिति जटिल होने से भारत में चालू वर्ष की पहली तिमाही के दौरान दालों के आयात में भारी गिरावट आई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जनवरी-मार्च 2024 के दौरान देश में 5,16,223 टन मसूर, अरहर एवं उड़द दाल का आयात हुआ जो जनवरी-मार्च 2023 में हुए आयात 7,24,883 टन से करीब 29 प्रतिशत कम है.
आगामी समय में भारत में जोरदार मांग निकलने तथा कीमतों में बढ़ोत्तरी की उम्मीद के सहारे निर्यातक देशों में उत्पादक अपने दलहनों का स्टॉक दबाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे भारतीय आयातकों को इसका सौदा करने में अपेक्षित सफलता मिल सकी.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार अरहर का वैश्विक उत्पादन कम हुआ है. कभी-कभी किसान कीमतों में और अधिक बढ़ोत्तरी की उम्मीद में अपना स्टॉक रोक लेते हैं लेकिन भारत में इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उछाल नहीं आया है. वैसे यह भी सच है कि अरहर का दाम पहले से ही काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार है.
सरकार ने मंगलवार को किसानों को भरोसा दिलाया कि वह उनके हितों की रक्षा के लिए अगले 2-3 दिन में पांच लाख टन रबी प्याज की खरीद शुरू करेगी. पिछले सप्ताह वाणिज्य मंत्रालय ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध अगले आदेश तक बढ़ा दिया था. प्याज निर्यात पर रोक 31 मार्च तक वैध थी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, हम किसानों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनकी चिंता का ध्यान रखा जाएगा. हम बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए अगले 2-3 दिन में पांच लाख टन रबी (सर्दियों) की फसल की खरीद शुरू करेंगे.