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नासा के मिशन ने विस्फोट से एस्टेरॉयड का रास्ता मोड़ दिया

नासा के डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (डार्ट) से धरती तो बच गई लेकिन विस्फोट के बाद टुकड़ों में तब्दील हुआ क्षुद्रग्रह का मलबा मंगल ग्रह की सतह पर गिर सकता है. वैज्ञानिकों ने संभावना जताई कि धरती से क्षुद्रग्रह के टकराने का खतरा तो टल गया लेकिन यह मंगल की ओर मुड़ गया है.

भेजा गया अंतरिक्ष यान

मिशन के तहत वेंडिंग मशीन के आकार का अंतरिक्षयान एस्टेरॉयड सिस्टम पर भेजा गया. वहां दो पत्थर थे- डायडीमॉस और डायमॉरफॉस. यान की टक्कर से डायमॉरफॉस की चक्कर लगाने की गति कम हो गई. इस पूरे मिशन की रिपोर्ट जर्नल रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी में प्रकाशित की गई. इसमें वैज्ञानिकों ने बताया है कि धरती को सबसे अधिक खतरा ब्रह्मांड में घूमते अनेक एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह से ही है. इसके टकराने से पृथ्वी पर तबाही आ सकती है. ऐसी ही एक विनाशकारी टक्कर से बचाने के लिए नासा ने डार्ट नामक अपने मिशन को अंजाम दिया.

● मंगल की सतह पर मलबा गिरने के आसार

● 170 मीटर चौड़ा था एस्टेरॉयड डायमॉरफॉस

● नासा के सफल डार्ट मिशन से धरती बच गई

डार्ट मिशन

धरती की ओर आ रहे डायचमॉरफॉस नामक एस्टेरॉयड की चौड़ाई 170 मीटर थी. नासा के डार्ट मिशन से हुए विस्फोट के बाद इसका रास्ता बदल गया. इससे यह साबित हो गया कि खतरनाक क्षुद्रग्रहों को रोका जा सकता है.

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