डिजिटल कर्ज उत्पादों में पारदर्शिता बढ़ाने और ग्राहक हितों को सुरक्षित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को नियामक ढांचे के मसौदा प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है कि ऋण सेवा प्रदाताओं (एलएसपी) को अपने पास उपलब्ध सभी कर्ज प्रस्तावों की जानकारी संभावित कर्जदारों को देनी होगी, जिससे उनके लिए फैसला करना आसान होगा.
आरबीआई ने इस मसौदा प्रस्ताव पर 31 मई तक विभिन्न पक्षों से टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं. एलएसपी विनियमित बैंकिंग इकाई (आरई) का एजेंट होता है, जो ग्राहक जोड़ने, मूल्य-निर्धारण करने, निगरानी और विशिष्ट ऋण की वसूली या ऋण पोर्टफोलियो में मौजूदा आउटसोर्सिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप काम करता है.
आरबीआई ने डिजिटल ऋण-कर्ज उत्पादों में पारदर्शिता पर जारी इस मसौदा परिपत्र में कहा है कि एलएसपी को कर्जदार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सभी इच्छुक कर्जदाताओं के पास उपलब्ध प्रस्तावों का डिजिटल ब्योरा मुहैया कराना चाहिए. इस डिजिटल ब्योरे में कर्ज की पेशकश करने वाली इकाई का नाम, कर्ज की राशि और अवधि के अलावा वार्षिक प्रतिशत दर एवं अन्य शर्तों की जानकारी होनी चाहिए.