हांगकांग-सिंगापुर की कार्रवाई से भारत का मसाला निर्यात खतरे में
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देश की दो सबसे प्रतिष्ठित मसाला कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट पर सिंगापुर और हांगकांग में नियामक कार्रवाई से मसाला निर्यात पर काफी दबाव बढ़ गया है. इस कार्रवाई के कारण भारत से होने वाला मसालों का 33 हजार करोड़ रुपये का निर्यात प्रभावित हो सकता है.
गौरतलब है कि पांच अप्रैल 2024 को हांगकांग के खाद्य नियामक ने एमडीएच मसाला मिश्रण की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. नियामक ने कहा था कि एमडीएच मसालों में एथिलीन ऑक्साइड उच्च स्तर होता है, जो कैंसरकारी पदार्थ है. सिंगापुर ने भारतीय मसाला कंपनी एवरेस्ट के खिलाफ कार्रवाई. दोनों कंपनियों के मसाले मालदीव में भी प्रतिबंधित हैं.
अमेरिका, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलियाई खाद्य नियामकों ने भी जांच शुरू कर दी है. वहीं, दोनों कंपनियों ने किसी भी गलत काम करने से इनकार कर दिया है. विशेषज्ञों के अनुसार, एथिलीन डाइऑक्साइड, का इस्तेमाल फसलों को फफूंद से बचाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. मसालों में इसकी अधिक मात्रा होने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है.
निर्यात कितना
वित्त वर्ष 2024 में देश का मसाला निर्यात करीब 35 हजार करोड़ रुपये के होने का अनुमान है. यह वैश्विक मसाला व्यापार का 12 फीसदी है. वित्त वर्ष 2001-02 में यह सिर्फ 400 मिलियन डॉलर था, लेकिन कुछ वर्षों से इसमें वृद्धि हो रही है.
बाहर किसकी मांग
निर्यात किए जाने वाले प्रमुख मसालों में मिर्च, जीरा, हल्दी, इलायची, मसाला तेल, ओलियोरेसिन, काली मिर्च, पुदीना, अदरक, लहसुन और केसर शामिल हैं. सबसे अधिक चीन में निर्यात होता है. इसके बाद अमेरिका, बांग्लादेश, यूएई, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, यूके, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर आयातक हैं.
अमेरिका, यूरोपीय संघ समेत कई देशों के विनियामक भारतीय मसालों की गुणवत्ता, रोगजनकों और उनमें विषाक्त पदार्थों की मात्रा बता कर आलोचना कर चुके हैं. हालांकि यह पहली बार हो सकता है, जब कई देशों में एक साथ कई तरह की विनियामक कार्रवाई शुरू हो गई है. इसने भारत द्वारा निर्यात और उपभोग होने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर प्रश्न चिह्न लगाया है.
बड़े उपभोक्ता नहीं
भारतीय मसालों के बड़े उपभोक्ता हांगकांग और सिंगापुर नहीं हो सकते हैं. मगर, अमेरिका, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया में जांच शुरू होने से भारत के निर्यात को नुकसान पहुंच सकता है. ये कुल निर्यात में एक चौथाई आयातक हैं.
क्या कार्रवाई की गई
मामले की जांच मसाला बोर्ड और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण कर रहा है. मसाला बोर्ड ने भेजे जाने वाले लदान की अनिवार्य जांच का आदेश दिया है. इतना ही नहीं उनके विनियामकों से जांच रिपोर्ट भी मांगी है. इसने निर्यातकों की विनिर्माण सुविधाओं का निरीक्षण भी शुरू किया है.