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नई दिल्ली. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने क्रिकेट और चुनावी मौसम में अवैध सट्टेबाजी-जुए को बढ़ावा देने वाले ऐप्स और इनके भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की है. इसके लिए आईटी मंत्रालय को सभी उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने और उन पर जुर्माना लगाने के लिए पत्र लिखा गया है.
इस मामले से जुड़ने दो अधिकारियों ने मिंट को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ऐसे ऐप्स और विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई चाहती हैं, क्योंकि ये केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन हैं. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप चलाने वालों और उनके भ्रामक विज्ञापन देने वालों की पहचान करने को कहा गया. इन पर जुर्माना लगाने और ऐप्स के संचालन पर प्रतिबंध लगाने सहित उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
प्रतिबंध के बावजूद भ्रामक विज्ञापन जारी
जानकारों के अनुसार, सट्टेबाजी ऐप्स लोगों को वित्तीय रूप से शिकार बना रहे हैं. सट्टेबाजी और जुआ 1867 के सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत प्रतिबंधित हैं और भारत के अधिकांश हिस्सों में अवैध हैं. नियमों के बावजूद, ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेट़फॉर्म अपनी सेवाओं का विज्ञापन करना जारी रखते हैं, जिससे विशेष रूप से युवाओं में वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों के बारे में चिंताएं पैदा होती हैं.