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ICMR ने जारी की चेतावनी भ्रामक हो सकते हैं डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर लिखे दावे

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के लेबल पर लिखे दावे भ्रामक हो सकते हैं. इन्हें खरीदते वक्त लेबल पर लिखी जानकारी को ध्यान से पढ़ना चाहिए. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने यह चेतावनी जारी की है.

आईसीएमआर ने बताया, शूगर-फ्री खाद्य पदार्थ वसा से भरे हो सकते हैं, जबकि पैक्ड जूस में केवल 10 फीसदी फलों का रस ही हो सकता है. आईसीएमआर ने हाल में जारी दिशानिर्देशों में कहा, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर स्वास्थ्य संबंधी दावे उपभोक्ताओं का ध्यान खींचने और उन्हें यह समझाने के लिए डिजाइन किए गए हैं कि उत्पाद स्वस्थ है. आईसीएमआर के तहत हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) द्वारा भारतीयों के लिए जारी आहार दिशानिर्देश में कहा गया है, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के खाद्य पदार्थों को लेकर मानदंड सख्त हैं पर लेबल में प्रस्तुत जानकारी भ्रामक हो सकती है.

फिट रहने के लिए हर कुछ घंटों में टहलें

आईसीएमआर ने लोगों को फिट रहने के लिए भी सलाह दी है. इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति लगातार बैठे रहने के काम से जुड़ा है तो उसे कुछ घंटों बाद पांच से 10 मिनट तक टहलना चाहिए. लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग भी किया जा सकता है.

उदाहरण देकर समझाया

1. पैक्ड जूस में केवल 10 फीसदी फलों का असली जूस ही हो सकता है.

2. अनाज से बने उत्पाद का अर्थ यह नहीं कि वह पूरी तरह अनाज से बना है.

3. शूगर फ्री उत्पाद को अक्सर कम कैलोरी वाला माना जाता है पर इसमें वसा ज्यादा हो सकती है.

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