चारधाम यात्रा पर एडवांस में श्रद्धालु ले जाने वाले एजेंट पर कार्रवाई होगी
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चारों धामों में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडेय ने बुधवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि पंजीकरण की तय डेट से पहले एडवांस में धामों में दर्शन कराने को लेकर ले जाने वाले ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उनके वाहनों के परमिट स्थायी रूप से निरस्त किए जाएंगे.
कमिश्नर गढ़वाल और मुख्यमंत्री के सचिव पांडेय ने सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि वो बिना पंजीकरण के यात्रा के लिए उत्तराखंड न आएं. बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को ले जाने पर वाहनों के परमिट सीधे निरस्त होंगे. ये तथ्य सामने आया कि ऑफलाइन पंजीकरण में जिन लोगों ने आगे की तारीखों में पंजीकरण कराया है, वे पहले ही यात्रा को जा रहे हैं. इससे श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में बिना पंजीकरण की बसों और गाड़ियों को तत्काल रोकते हुए वापस भेजा जाएगा.
यातायात संभालना चुनौती
जिला प्रशासन पौड़ी और टिहरी को भी यात्रा रूट पर पड़ावों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं. पड़ाव क्षेत्रों में वाहनों की पार्किंग और श्रद्धालुओं को भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा. ट्रैफिक बाधित न हो इसका खयाल रखें.
फर्जीवाड़ा बिना पंजीकरण के करा रहे दर्शन
चारधाम यात्रा में बिना पंजीकरण ही दर्शन कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. खुद कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे ने स्वीकार किया कि इस तरह की गड़बड़ी से ही धामों में तय संख्या से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. होटलों की बुकिंग बढ़ाने को ट्रेवल कंपनियां श्रद्धालुओं को बिना पंजीकरण के ही धामों तक ले जा रही हैं.
रिकॉर्ड श्रद्धालु उमड़े
इस बार चारों धामों में पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं. पिछले साल पहले दिन यमुनोत्री में 6838 श्रद्धालु पहुंचे थे. इस बार संख्या 12193 रही. गंगोत्री में पिछले साल 4000 और इस साल 5203 रही. केदारनाथ में पिछले साल 18335 और इस साल 29030 और बदरीनाथ में 4507 के मुकाबले 22690 श्रद्धालु पहुंचे. इसी अधिक संख्या के कारण दिक्कतें हो रही हैं.