कोरबा: कोरबा के जंगल में बाघ की मौजूदगी है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए वन विभाग ने चैतुरगढ़ के आसपास 6 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. निश्चित अवधि के बाद वन विभाग इन कैमरों की फुटेज की जांच करेगा और यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी है या सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें अफवाह थी.
कटघोरा के वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर चल रही थी इसमें एक बाघ और उसके तीन शावक को देखे जाने का दावा किया गया था. इसके बाद विभाग ने निर्णय लिया है कि मामले की सच्चाई का पता लगाया जाए. इसके लिए बाघों के आने-जाने वाले मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है. 6 कैमरों को जंगल में इस प्रकार से लगाया गया है कि बाघों की उपस्थिति को दर्ज किया जा सके.
बाघ कॉरिडोर का हिस्सा है चैतुरगढ़
वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि चैतुरगढ़ बाघ कॉरिडोर का हिस्सा है. इस क्षेत्र में कभी-कभी अचानकमार जंगल से बाघ आते हैं. कई बार रतनपुर होकर बांधवगढ़ की ओर निकल जाते हैं तो कई बार सूरजपुर होकर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर जो सूरजपुर जिले का हिस्सा है, की ओर चले जाते हैं. उनके आने-जाने वाले रास्ते पर ही चैतुरगढ़ में कैमरे लगाए गए हैं.
अक्टूबर 2022 में देखा गया था बाघ
वनमंडलाधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में अक्टूबर 2022 में एक बाघ को देखा गया था. उसकी तस्वीर चैतुरगढ़ के आसपास लगाए गए कैमरे में कैद हुई थी. इसके बाद इस क्षेत्र में बाघ के प्रमाणित साक्ष्य नहीं मिला. अब सोशल मीडिया पर बाघ से संबंधित जानकारी आने के बाद सीसीटीवी की मदद से बाघ के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है.
ये है मुय कारण
वन विभाग की ओर से बताया गया है कि इस क्षेत्र में यदि बाघ की मौजूदगी है तो उसे कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और बाघ के द्वारा भी कोई जन हानि नहीं होनी चाहिए. इसे ध्यान में रखकर यह कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी को लेकर कुछ प्रमाण मिलते हैं तो इस संबंध में चैतुरगढ़ के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाएगा.