सोने और चांदी में जबरदस्त तेजी से इनके दाम काफी बढ़ चुके हैं. ऐसे में आभूषण विक्रेताओं ने भारतीय मानक ब्यूरो से अपील की है कि नौ कैरेट सोने से बने आभूषणों के लिए भी हॉलमार्किंग यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर शुरू करे.
सोने की कीमतें 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को छू चुकी हैं. वहीं, चांदी 95,000 रुपये प्रति किलोग्राम के आंकड़े को पार कर चुकी है.
सोने के मामले में कैरेट का इस्तेमाल उसकी शुद्धता को मापने के लिए किया जाता है. अगर सोना 24 कैरेट है, मतलब इसमें 99.9 फीसदी शुद्ध सोना है. 22 कैरेट सोने की शुद्धता का स्तर 91.7 फीसदी होता है, जबकि 18 कैरेट सोने में 75 फीसदी सोने की शुद्धता होती है. इसी तरह, 14 कैरेट सोना 58.3 फीसदी तो 12 कैरेट 50 फीसदी शुद्ध होता है. 10 कैरेट में सोने की शुद्धता 41.7 फीसदी और नौ कैरेट में सिर्फ 37.5 फीसदी सोने की शुद्धता है. इसमें भी चांदी, तांबा, जिंक और निकल जैसी धातुओं का मिश्रण किया जाता है.
क्या है हॉलमार्क
फिलहाल 18, 22 और 24 कैरेट के सोने पर ही हॉलमार्क होता है. बिना हॉलमार्क आभूषण बेचने पर रोक है. अगर कोई विक्रेता बिना हॉलमार्क आभूषण बेचता है तो उसे सजा हो सकती है. यह सरकार की गारंटी होती है कि जो सोना दिया जा रहा है, वह पूरी तरह खरा है. इसकी जांच भारतीय मानक ब्यूरो की प्रयोगशाला में की जाती है. यह सरकार की ओर से एक तिकोना निशान है जो बताता है कि इसकी जांच हो चुकी है.
आम लोगों को फायदा
नौ कैरेट सोने की कीमत अभी 27 से 28 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच चल रही है. इस पर 3 अतिरिक्त जीएसटी भी लगता है. हॉलमार्किंग को मंजूरी मिल जाती है तो उपभोक्ता अपने बजट की सीमाओं के भीतर रहते हुए बड़े आभूषण खरीद सकेंगे. हॉलमार्किंग के विस्तार में नौ कैरेट सोना शामिल करने से कीमती धातुओं की बढ़ती कीमतों के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में उद्योग और आम लोगों को मदद मिलेगी.