भीषण गर्मी का प्रकोप सब्जियों की कीमतों पर भी दिख रहा है. देश के कई हिस्सों में टमाटर के दाम दो-तीन हफ्ते में दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं. टमाटर की कीमत में यह बढ़ोतरी महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में देखी गई है.
माना जा रहा है कि इसका असर आने वाले दिनों में उत्तर के क्षेत्रों में भी दिखाई दे सकता है और टमाटर महंगा हो सकता है. इससे पहले प्याज के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. सरकारी पोर्टल, एगमार्कनेट के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिणी राज्यों में टमाटर की औसत थोक कीमतें 35 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं, जबकि कर्नाटक के कुछ बाजारों में कीमत 60 रुपये तक पहुंच चुकी हैं. शहरों में खुदरा भाव 80 प्रति किलो तक पहुंच गए हैं.
आंकड़ों के अनुसार पिछले दो-तीन हफ्तों के दौरान और एक साल पहले की तुलना में कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं. हालांकि, उत्तर भारत के राज्यों में दाम में अधिक इजाफा देखने को नहीं मिला है लेकिन जुलाई में स्थिति जटिल हो सकती है, जब आपूर्ति की कमी के कारण कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं.
इसलिए प्रभावित हुईं कीमतें
जानकारों का कहना है कि इस साल लंबे समय तक तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे फूल और फल खराब हो गए, जिसके असर से उत्पादन कंम हो गया है. जो उपज हो रही है, वह खेतों से मंडियों में नहीं पहुंच रही है. टमाटर की कीमतें जुलाई और अक्टूबर के बीच चरम पर पहुंच सकती हैं.
कितने बढ़े दाम
आंकड़ों से पता चलता है कि आलू के दाम एक साल पहले की तुलना में 43.82 बढ़ गए हैं. वहीं, प्याज की दरें 55.05 बढ़ गई हैं. जबकि टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमतों में 37.29 फीसदी का इजाफा हुआ है. क्रिसिल की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि टमाटर की कीमतों में 39 की वृद्धि हुई है.