असुरक्षित कर्ज पैदा कर सकता है समस्या दास

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि असुरक्षित कर्ज पर कार्रवाई नहीं करने से बड़ी समस्या पैदा हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों पर आरबीआई की कार्रवाई से असुरक्षित कर्ज में वृद्धि धीमी होने का वांछित प्रभाव पड़ा है.
एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि असुरक्षित ऋण पर प्रतिबंध इस दृष्टिकोण का परिणाम है कि असुरक्षित कर्ज में वृद्धि के कारण इस बाजार में संभावित समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मुख्य मानदंड अच्छे दिख रहे हैं, लेकिन मानकों में ढील, उचित मूल्यांकन का अभाव और कुछ ऋणदाताओं के बीच असुरक्षित ऋण को बढ़ावा देने के लिए अंधी दौड़ में शामिल होने की मानसिकता के स्पष्ट सबूत हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, हमने सोचा कि अगर इन कमजोरियों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये एक बड़ी समस्या बन सकती हैं. इसलिए, हमने सोचा कि पहले से ही कार्रवाई करना और ऋण वृद्धि को धीमा करना बेहतर है.
आरबीआई के सख्त कदमों का दिख रहा असर
उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि आरबीआई की कार्रवाई का वांछित प्रभाव पड़ा है, क्योंकि असुरक्षित ऋण में वृद्धि वास्तव में धीमी हो गई है. दास ने कहा कि क्रेडिट कार्ड खंड में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई.
एनबीएफसी एआई से धोखाधड़ी को रोकें
दास ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए कृत्रिम मेधा यानी एआई और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक और उभरती हुई तकनीक अपनाने की सलाह ही. उन्होंने कहा, आधुनिक तकनीक को अपनाने से बैंकों और एनबीएफसी की विभिन्न जोखिमों का सामना करने और उनका जवाब देने की क्षमता काफी मजबूत हो सकती है.