रविवि में शुरू होगा एमए सिंधी भाषा पाठ्यक्रम, 20 सीटें होंगी
रायपुर: छत्तीसगढ़ में सिंधी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में दो वर्षीय एमए सिंधी भाषा पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इस पाठ्यक्रम में 20 सीटें होंगी. इस पाठ्यक्रम के अध्ययन के लिए एक अध्ययन भवन का भी निर्माण किया जाएगा. इसी सत्र 2024-25 में ही इसमें प्रवेश दिया जा रहा है.
इसकी घोषणा रविवार को रविवि में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतिम दिन किया गया. संगोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, चुनौतियों, समाधान और भारतीय भाषा विशेषकर सिंधी के महत्व व योगदान विषय पर विस्तृत चर्चा की गई. संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए. छत्तीगसढ़ समेत पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुगम क्रियान्वयन और संवेदीकरण विषय पर गहन चर्चा की गई. रविवार को कार्यक्रम के समापन अवसर पर रविवि के कुलसचिव डॉ. शैलेन्द्र पटेल ने अतिथियों का आभार जताया.
रविवि की भूमिका अहम
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्रदेश का सबसे पुराना और बड़ा विश्वविद्यालय है. प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में रविवि ने बड़ी जिमेदारी निभाई है. इसी कड़ी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के दौरान एक लघु पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां संग्रहित है.
भारतीय मूल्यों से अवगत होंगे विद्यार्थी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के माध्यम से विद्यार्थियों का केवल कौशल विकास ही नहीं होगी, बल्कि उन्हें भारतीय मूल्यों को समझने और पढऩे का मौका मिलेगा. विद्याथियों को अध्यापक मार्गदर्शन देने का काम करेंगे. संगोष्ठी में बड़ी संया में अध्यापकों ने भी हिस्सा लिया.