रायपुर:किराएदारों का वेरीफिकेशन नहीं
रायपुर: शहर में रहने वाले किराएदारों को वेरीफिकेशन नहीं हो रहा है. मकान मालिक अपनी ओर से जानकारी नहीं दे रहे हैं, तो दूसरी ओर पुलिस भी सती नहीं कर रही है. करीब साल भर पहले हर थाने से विशेष अभियान चलाया गया था. इसे अब मकान मालिकों की इच्छा पर छोड़ दिया गया है. इसके चलते सभी थाना क्षेत्रों में किराएदारों की जानकारी नहीं आ पा रही है. होटल-लॉज के मामलों में भी ढिलाई बरती जा रही है. इसके चलते दूसरे राज्य के अपराधी और संदिग्ध आसानी से यहां ठहर रहे हैं. इसके बाद वारदात करके निकल जाते हैं.
कई राज्यों के लोग रहते हैं
रायपुर में उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, ओडिशा आदि के लोग रहते हैं. स्थायी रूप से रहने वालों के अलावा कई लोग कम समय के लिए अलग-अलग कामकाज के बहाने आते हैं. पिछले कुछ समय से शहर में चोरियों की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. इसके अलावा गैंगस्टरों के गुर्गे भी वारदात को अंजाम देने से पहले पकड़े गए थे. इसके कुछ दिनों बाद होटल में रहकर रेकी की. फिर फायरिंग करके भाग निकले.
किराएदारों या होटलों में ठहरने वालों की जानकारी पुलिस के पास जाने से उनको भी भय रहता है कि थाने में उनकी जानकारी गई है. इससे किराएदार या अन्य संदिग्ध व्यक्ति किसी तरह के अपराध करने से डरते हैं. करते भी हैं, तो पुलिस उसे आसानी से पकड़ भी लेती है.
होटलों में हो चुकी है कई घटनाएं
हाल ही में पीआरए ग्रुप के ऑफिस में फायरिंग करने वाले शूटर भी स्टेशन इलाके के एक होटल में कई दिन तक ठहरे थे. होटल वालों ने शूटरों की पहचान संबंधित दस्तावेजों की सही ढंग से जांच नहीं की और न ही पुलिस वालों को सूचना दी. इसी तरह होटल बेबीलॉन इन में भी युवक-युवती ठहरे थे. मर्डर और खुदकुशी जैसी घटना होने के बावजूद होटल वालों ने पुलिस को जानकारी नहीं दी थी. न ही पुलिस ने होटल वालों के खिलाफ एक्शन लिया था. पिछले सप्ताह मौदहापारा इलाके के एक होटल में सामूहिक रूप से जुआ खेला जा रहा था.