ओला इलेक्ट्रिक की बेहद सस्ती ई-बाइक का असर, उद्योग के बंट गए पहिए
Ola Electric E-bikes Price: बेंगलूरु की ओला इलेक्ट्रिक द्वारा पहली बार इलेक्ट्रिक मोटरबाइक (ई-बाइक) पेश किए जाने से उद्योग में हलचल मच गई है. कंपनी ने दावा किया है कि वह बेहद कम कीमत पर बाइक पेश कर रही है. 15 अगस्त को ओला ने 74,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर रोडस्टर श्रृंखला की अपनी ई-बाइक पेश की है. यह नई कीमत इस श्रेणी में पिछली सबसे कम कीमत 1,10,000 रुपये से भी कम है.
मूल्य निर्धारण की इस साहसिक रणनीति से उद्योग में बहस शुरू हो गई है. उद्योग जगत के कई लोग ओला के इस दृष्टिकोण को टिकाऊ कारोबारी मॉडल के मुकाबले संभावित रूप से मार्केटिंग रणनीति के रूप में देख रहे हैं. दिल्ली की मोटरबाइक विनिर्माता कबीरा मोबिलिटी के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी जयबीर सिवाच ने कहा, ‘इस समय यह महज बाजार को लुभाने वाला बयान भर हैं. असली परीक्षा उस कीमत पर वाहन बनाना और उसे उपलब्ध करना है.
सिवाच ने कहा कि आंकड़ों में तालमेल नहीं है. किसी ईवी की लागत में करीब 70 प्रतिशत हिस्सा आम तौर पर बैटरी पैक और इंजन का रहता है. उन्होंने कहा, ‘किसी उच्च गुणवत्ता वाले बैटरी पैक की कीमत लगभग 14,000 रुपये प्रति किलोवॉट प्रति घंटा है. 4.5 किलोवॉट प्रति घंटा वाली बैटरी के लिए यह अकेले ही 63,000 रुपये है. अतिरिक्त पुर्जों की वजह से कुल लागत एक लाख रुपये से ज्यादा हो जाती है.’
उन्होंने कहा ‘यह कोई तिकड़म हो सकती है या अगर ओला गंभीर है, तो वे शायद निवेशकों का पैसा बरबाद कर रहे हैं.’ कबीरा मोबिलिटी और अन्य प्रमुख मोटरबाइक विनिर्माता फिलहाल अपने उत्पादों को 1,10,000 रुपये से 3,99,000 रुपये के कीमत दायरे में पेश कर रही हैं. यहां तक कि 2,49,999 रुपये वाली सबसे महंगी रोडस्टर प्रो भी उद्योग के अधिक मूल्य स्तर के मुकाबले काफी कम है.
अनुभव का लाभ
अलबत्ता यह पहली बार नहीं है कि जब ओला मूल्य के प्रति अत्यधिक संवेदनशील वाहन बाजार में अपने फायदे के लिए कीमतों का लाभ उठा रही है. पिछले साल कंपनी ने शुरुआती स्तर वाला अपना ई-स्कूटर एस1एक्स 79,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर पेश किया था. इस तरह उसने पारंपरिक इंजन वाले स्कूटरों के लिए चुनौती और बढ़ा दी थी.
एस1एक्स, जिसे ‘आईसीई किलर’ कहा जाता है, से इलेक्ट्रिक और तेल-गैस इंजन (आईसीई) वाले स्कूटरों के बीच कीमतों में समानता आ गई थी जिनकी कीमत आम तौर पर 80,000 रुपये के आसपास होती थी जबकि अधिकांश ई-स्कूटर 1,00,000 रुपये से अधिक में बिक रहे थे. इस मूल्य निर्धारण रणनीति ने बेंगलूरु की कंपनी को इस श्रेणी में बाजार की अगुआ बना दिया और वित्त वर्ष 24 में उसकी बिक्री दोगुनी से भी ज्यादा हो गई. उसने वित्त वर्ष 24 में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर ली जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 20 प्रतिशत थी.
प्रतिस्पर्धी परिदृश्य
बहरहाल मौजूदा ई-मोटरबाइक कंपनियों का तर्क है कि ई-स्कूटर और ई-बाइक बेचना सेब और संतरे की तुलना करने जैसा है. मोटरबाइक को आम तौर पर जीवनशैली उत्पादों के रूप में देखा जाता है, खासकर ऐसे युवा उपभोक्ताओं के बीच जो प्रतिस्पर्धी दामों पर गुणवत्ता वाले उत्पाद चाहते हैं. उनका कहना है कि ओला के लिए दोनों मोर्चों पर खरा उतरना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
इस श्रेणी की प्रमुख कंपनियों में से एक ने पहचान जाहिर न करने क शर्त पर कहा कि ओला घाटे में बिक्री करेगी. उन्होंने कहा कि शुरुआती कीमत को बाद में कभी भी बढ़ाया जा सकता है.