रायपुर: संविदा में ज्वॉइन नहीं करना चाहते डॉक्टर
रायपुर: पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोई भी डॉक्टर अब संविदा में ज्वाइन नहीं करना चाहते. हाल ही में हुए वॉक इन इंटरव्यू को देखकर तो ऐसा लगता है. असिस्टेंट प्रोफेसर के 55 समेत 81 खाली पदों के लिए हुए इंटरव्यू में महज 11 डॉक्टर पहुंचे. इनमें 6 अपात्र रहे. जबकि, तीन का चयन किया गया है. खाली पदों में आधे से ज्यादा यानी 42 पद एसटी-एससी वर्ग के लिए आरक्षित है. इनमें एक पद भी नहीं भरा जा सका. पिछले 10 साल से आरक्षित वर्ग के डॉक्टरों का पद ऐसे ही खाली है.
दूसरी ओर कम वेतन का तर्क देकर डॉक्टर कॉलेज में ज्वाइन करने से बच रहे हैं. जो ज्वॉइन करना चाहते हैं या तो उन्हें टीचिंग का शौक होता है अथवा कुछ डॉक्टर डिग्री लेने के बाद अनुभव के लिए ज्वॉइन करना चाहते हैं. जब इन्हें सर्जरी में हाथ सफाई हो जाती है, तो इस्तीफा देकर निजी अस्पताल ज्वॉइन कर लेते हैं. ऐसे सैकड़ों केस हैं, जिसमें ऐसा हुआ है. जिन असिस्टेंट प्रोफेसरों का चयन किया गया, उनमें ऑब्स एंड गायनी व ट्रामा के लिए ऑर्थोपीडिक सर्जन शामिल हैं. वहीं सीटीवीएस में एक जूनियर डॉक्टर का चयन किया गया है.
चुनाव के बाद हुए पहले वॉक इन इंटरव्यू में उम्मीद के अनुसार डॉक्टर नहीं पहुंचे. ऐसा कई बार हो चुका है. खासकर सुपर स्पेशलिटी विभाग में नए डॉक्टर ज्वाइन करने से बच रहे हैं. हालांकि कार्डियोलॉजी विभाग में कुछ माह पहले दो डॉक्टर ज्वाइन किए हैं. वहीं सीटीवीएस, आंको सर्जरी विभाग में कोई नए डॉक्टर नहीं आ रहे हैं. न्यूरो सर्जरी विभाग डीकेएस में है. वहां ज्वॉइनिंग के लिए डॉक्टरों की कतार लगी हुई है. अधिकारियों के अनुसार 9 आवेदन वेटिंग में है.
आरक्षण रोस्टर का पालन अनिवार्य शासन से पहले लग चुकी है फटकार: कॉलेज में फैकल्टी की भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन करना अनिवार्य है. पहले एसटी-एससी केटेगरी के खाली पदों पर यूआर केटेगरी के डॉक्टरों को नियुक्ति दे दी जाती थी. इसकी शिकायत शासन से हुई थी. शासन ने कॉलेज प्रबंधन को फटकार लगाई थी और भर्ती में आरक्षण रोस्टर का हर हाल में पालन करने को कहा गया था. तब से आरक्षित पद भर नहीं पा रहा है. दो साल से पीएससी से नियमित भर्ती भी नहीं हुई है.
इस कारण भी नियमित पद खाली रहने पर ही संविदा भर्ती के लिए हर माह वॉक इन इंटरव्यू करने का नियम है.