अगर आपको पता हो कि जो मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आप खरीदने जा रहे हैं, उसकी मरम्मत में मुश्किल आएगी या नहीं तो आप के लिए फैसला करना आसान हो जाएगा. इस काम में आपकी मदद रिपेयर इंडेक्स कर सकता है.
केंद्र सरकार ई-कचरे की बढ़ती समस्या से निपटने के उद्देश्य से मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए रिपेयर इंडेक्स बनाने की योजना बना रही है. इसका दूसरा लक्ष्य मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक त्पादों के निर्माताओं को आसानी से मरम्मत योग्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है. मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मरम्मत के अधिकार पर राष्ट्रीय कार्यशाला में उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने यह जानकारी दी.
उपभोक्ताओं को आसानी होगी खरे ने बताया कि यह सूचकांक उपभोक्ताओं को यह बताने के लिए प्रमुख मापदंडों पर स्कोर प्रदान करेगा कि किसी उत्पाद की मरम्मत कितनी आसानी से की जा सकती है. इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा.
केंद्र सरकार मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए मरम्मत योग्यता सूचकांक को यूरोपीय देशों की तर्ज पर बनाना चाहती है. इसका फायदा सीधे ग्राहकों को होगा और उन्हें मोबाइल या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मरम्मत कराने के लिए भटकना नहीं होगा. वे रेटिंग देखकर उसकी मरम्मत करने वाली एजेंसी और जरूरी अतिरिक्त पुर्जों की जानकारी हासिल कर पाएंगे.
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि भारत का प्रस्तावित मरम्मत सूचकांक अन्य देशों की पहल के समान होगा. फ्रांस का मरम्मत सूचकांक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को पांच मानदंडों पर रेटिंग देता है. वहीं, यूरोपीय संघ के पास इन पांच के अलावा भी अतिरिक्त मानदंड हैं. इनके जरिए उत्पाद से जुड़े तकनीकी दस्तावेजों की उपलब्धता, उन्हें खोलने में आसानी, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण सहित मानदंडों पर उत्पादों का मूल्यांकन किया जाता है. अभी इस तरह के नियम भारत में नहीं हैं.
मरम्मत का अधिकार पोर्टल पहले ही जारी
उपभोक्ता कार्य विभाग ग्राहकों की मरम्मत की समस्या को दूर करने के लिए पहले ही मरम्मत का अधिकार पोर्टल इंडिया लॉन्च कर चुका है. इसपर ग्राहकों को सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. अब तक कुल 63 से ज्यादा कंपनियां पोर्टल पर हैं, जिनमें मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की 23 कंपनियां शामिल हैं. ये सभी मरम्मत, अधिकृत मरम्मतकर्ताओं, स्पेयर पार्ट्स के स्रोतों आदि के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं.
रेटिंग मिलेगी
खरे ने कहा कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस पहल का नेतृत्व कर रहा है, जो उपभोक्ताओं को किसी उत्पाद की मरम्मत में आसानी के बारे में सूचित करने के लिए प्रमुख मापदंडों पर रेटिंग प्रदान करेगा.
कानून की जरूरत
विशेषज्ञ कहते हैं कि आज ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद मरम्मत योग्य नहीं हैं. हमें ऐसे उत्पाद डिजाइन करने की जरूरत है जिनकी मरम्मत की जा सके. जब तक हम कोई कानून नहीं बनाते, चीजें नहीं बदलेंगी.