कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा लागू होने जा रही केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) का फायदा उन पेंशनधारकों को होगा, जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं. नई व्यवस्था में अब पेंशनभोगियों को पेंशन शुरू होने के समय सत्यापन के लिए अलग-अलग बैंक शाखाओं में जाने की जरूरत नहीं होगी. पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) जारी होने के बाद पेंशन घर के पास स्थित बैंक से शुरू कराई जा सकेगी.
मौजूदा व्यवस्था में ईपीएफओ से संबंधित कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारी पेंशन योजना- 1995 के तहत प्रति माह एक निर्धारित पेंशन दी जाती है. अब तक सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपनी पेंशन निकासी के लिए उसे क्षेत्र से संबंधी बैंक शाखा में आना पड़ता है, जिस क्षेत्र से वह सेवानिवृत्त हुआ है. दरअसल, ईपीएफओ को अलग-अलग क्षेत्रीय कार्यालयों में बांटा गया है. हर क्षेत्रीय कार्यालय के अंदर कुछ चुनिंदा (तीन या चार) बैंक शाखाएं ही पेंशन निकासी के लिए अधिकृत की जाती हैं, जिस कारण काफी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. चूंकि, सेवानिवृत्त के बाद अधिकांश कर्मचारी अपने गांव या किसी दूसरे हिस्से में रहने लगते हैं, इसलिए उन्हें पेंशन निकासी के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं.
‘मील का पत्थर’
केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि नई व्यवस्था ईपीएफओ के आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर है. यह लंबे समय से चली आ रही पेंशनधारकों की समस्याओं का समाधान करेगी.
आधार आधारित भुगतान प्रणाली भी आएगी
नई सुविधा एक जनवरी, 2025 से ईपीएफओ की चल रही सूचना प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण परियोजना केंद्रीकृत आईटी युक्त प्रणाली (सीआईटीईएस 2.01) के हिस्से के रूप में शुरू की जाएगी. अगले चरण में, सीपीपीएस आधार-आधारित भुगतान प्रणाली में एक सुचारु परिवर्तन लाएगी.
नई व्यवस्था के आने पर पेंशनधारियों को पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को एक से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं है. मौजूदा वक्त में अगर कोई व्यक्ति सेवानिवृत्ति के बाद किसी दूसरे क्षेत्र में जाता है तो उसे उस क्षेत्रीय कार्यालय के लिए पीपीओ का स्थानांतरण कराना होता है. उसके बाद वह कार्यालय बैंक शाखा आवंटित करता है, जिससे पेंशन निकल सकते हैं. नई व्यवस्था में यह सारा झंझट खत्म होगा.