कुंभ संक्रांति के दिन इन 3 चीजों का करें दान,पितृ दोष से मुक्ति मिलने की है मान्यता
Kumbh Sankranti 2025: वैदिक ज्योतिष में सूर्यदेव के राशि परिवर्तन की घटना बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है. सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में जब प्रवेश करते हैं, तब इसे संक्रांति कहा जाता है. वहीं, सूर्य जिस राशि में प्रवेश कर सकते हैं, उस राशि के संक्रांति के नाम से जाना जाता है. जैसे सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश को कुंभ संक्रांति कहा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 12 फरवरी को रात 10 बजकर 04 मिनट पर सूर्यदेव कुंभ राशि में जाएंगे, लेकिन उदयातिथि के अनुसार, 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति मनाया जाएगा. कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान-दान के कार्य शुभ माने जाते हैं. इसके साथ ही इस दिन पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. कुंभ सक्रांति के दिन पितृ दोष और कर्ज से मुक्ति पाने के लिए भी कुछ चीजों का दान किया जाता है. आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति के दिन क्या दान करना चाहिए?
अनाज दान : कुंभ संक्रांति के दिन आटा, तेल, नमक,चावल, घी, गुड़ इत्यादि का दान करना चाहिए. इससे आप मंदिर में दान कर सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और कार्यों में आ रही बाधाएं समाप्त होती है.
कपड़े का दान : कुंभ संक्रांति के दिन गरीब और जरूरतमंदों को वस्त्र का दान कर सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से अनेक प्रकार के दोषों से मुक्ति मिती है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
तिल दान : पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए कुंभ संक्रांति के दिन काला तिल दान कर सकते हैं. मान्यता है कि इस तांबे से निर्मित वस्तु का दान करने से मंगल और सूर्य से संबंधित दोष दूर होते हैं.