
कसावा की जड़ से साबूदाना निकाला जाता है. यह मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट से बना होता है, जो इसे एनर्जी का स्रोत बनाता है. साबूदाने की मदद से टिक्की, खिचड़ी और खीर जैसी चीजें बनाई जाती हैं. वैसे तो साबूदाना में खूब फायदे होते हैं, जिसमें पाचन में सुधार, मांसपेशियों को मजबूत करना, हृदय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है. ये नैचुरली ग्लूटेन फ्री होता है. खूब फायदे होने के बावजूद भी कुछ लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए.
वजन कम करने वाले करें अवॉइड
वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो साबूदाना खाने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि साबूदाना में स्टॉर्च होता है जिससे शरीर में कैलोरीज बढ़ती हैं. साबूदाना में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है, लेकिन प्रोटीन और फाइबर कम होता है. जिससे इसे वजन घटाने के लिए सही नहीं माना जाता है.
डायबिटीज पेशेंट करें अवॉइड
साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है. ऐसे में यह ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं. जिससे डायबिटीज पेशेंट को समस्या हो सकती है.
पाचन से जुड़ी समस्या
साबूदाना में स्टार्च की ज्यादा मात्रा होती है, जिसकी वजह से पेट में सूजन या बेचैनी का महसूस हो सकती है.
पोषण संबंधी समस्या
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है. लेकिन इसमें प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम की मात्रा कम होती है. सिर्फ साबूदाना पर निर्भर रहने से पोषण संबंधी कमी हो सकती हैं.
साबूदाना खाते समय किन बातों का रखें ख्याल
1) साबूदाना में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होने के कारण अगर इसे ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो यह वजन बढ़ा सकता है. हेल्दी वजन बनाए रखने के लिए मात्रा पर ध्यान दें.
2) साबूदाना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर काफी बढ़ सकता है. डायबिटीज पेशेंट या मेटाबॉलिक हेल्थ प्रॉब्लम वाले लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए.
3) साबूदाना को बैलेंस डायट का हिस्सा बनाएं. इसी के साथ इसे पोषक तत्वों से भरपूर खाने की चीजों के साथ शामिल करें.
4) आम तौर पर स्टार्च पचाने में आसान होता है, लेकिन कुछ लोगों को समस्या हो सकती है अगर वे ज्यादा मात्रा में स्टार्च खाने के आदी नहीं हैं.