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आज से नहाय-खाय के साथ चैती छठ शुरू, जानें खरना व अर्घ्य की डेट

नहाय-खाय अनुष्ठान के साथ मंगलवार से महापर्व चैती छठ आरंभ हो गया है. सुबह में व्रत धारण करने वाली व्रती स्नान के बाद पान के पत्ते, सुपारी और अक्षत सूर्यदेव को अर्पित करेंगी. पूजा-अर्चना के बाद नेम-निष्ठा के साथ व्रती पीतल के पात्र में कद्दू, चने का दाल और चावल से तैयार प्रसाद ग्रहण करेंगी. चैत्र माह में होने वाले छठ को कष्टकारी माना जाता है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस व्रत को करते हैं.

2 अप्रैल को मनाया जाएगा खरना: नहाय-खाय के बाद खरना मनाया जाता है. खरना का पर्व 2 अप्रैल को मनाया जाएगा. मान्यता है कि खरना के समय व्रती नए धान से निकले चावल से तैयार खीर महाभोग का प्रसाद ग्रहण करती हैं. व्रती बुधवार की शाम में खरना अनुष्ठान करेंगी.

खरना के लिए सफाई के बाद गेहूं को धोकर सुखाया जाता है. इसके बाद गेहूं को साफ चक्की में पिसाया जाता है. इससे तैयार आटे से बुधवार की शाम में व्रती रोटी तैयार की जाती है. मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से व्रती गुड़ और चावल से खीर बनती है. सूर्यास्त के बाद पूजा-अर्चना के बाद व्रती खरना का अनुष्ठान पूरा करते हैं. कई लोगों के यहां परंपरा के मुताबिक खरना के दिन चावल, दाल और पूडियां बनती हैं.

अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य तीन अप्रैल को

चैती छठ महाव्रत धारण करने वाली व्रती सूर्य षष्ठी पर गुरुवार की शाम में डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगी. शुक्रवार को सूर्य सप्तमी पर व्रती उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित करेंगी. इसके साथ ही चार दिनी महापर्व का समापन होगा.

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