राष्ट्रीयट्रेंडिंग

नामीबिया से लाए गए चीतों को िमलेगा नया आशियाना

मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य चीतों का नया घर बनेगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में जन्मे दो नर चीतों को 20 अप्रैल को गांधी सागर अभयारण्य में बने बाड़ों में छोड़ेंगे.

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ भोपाल में शुरू हुए वन संरक्षण और जलवायु अनुकूल आजीविका पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सुबह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की बैठक में चीतों को स्थानांतरित करने के बारे में चर्चा की गई. बता दें कि एनटीसीए द्वारा गठित चीता परियोजना संचालन समिति ने हाल ही में कूनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर अभयारण्य में कुछ चीतों के स्थानांतरण को मंजूरी दी है.

ढाई साल पहले लाए

चीतों को 2 वर्ष 7 महीने पूर्व भारत लाकर मध्यप्रदेश के कूनो में बसाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए चीतों को कूनों में छोड़ा था. उसके पूर्व देश के किसी भी राज्य में चीते नहीं थे. छत्तीसगढ़ के कोरिया में 1948 में आखिरी बार चीतों को देखा था.

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 26 चीते

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है. इनमें 12 वयस्क और 14 शावक हैं. 26 चीतों में से 17 कूनो राष्ट्रीय उद्यान में खुले जंगल में घूम रहे हैं, जबकि नौ बड़े बाड़ों में घूम रहे हैं.

गांधी सागर अभ्यारण्य

गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य कूनो राष्ट्रीय उद्यान के बाद भारत में चीतों का दूसरा घर बन जाएगा. यह कूनो से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां का वातावरण भी कूनो की तरह चीतों के लिए अनुकूल है. यहां भी कूनो जैसे घने जंगल हैं, घास के मैदान और पर्याप्त पानी के साथ पहाड़ियां भी हैं. चीते छोटे हिरण और सुअर का शिकार ज्यादा पंसद करते हैं, जिनकी संख्या यहां पर्याप्त मात्रा में है. एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर के दोनों ओर यह अभ्यारण्य स्थित है.

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा- 20 अप्रैल को दो चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा जाएगा

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button